*आखिर किसके संरक्षण में नो-एंट्री में फर्राटे भर रहे मौत के यमराज (मिक्सचर/डम्फर
डिस्टिक हेड
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट
कानपुर । आखिर किसके संरक्षण में नो-एंट्री में फर्राटे भर रहे मौत के यमराज (मिक्सचर/डम्फर)*
नो-एंट्री सिर्फ दिखावा है चन्द पैसों के लालच में कौन है जो आम जनमानस की जिन्दगी को दांव पर लगा रहे!
जी हाँ बात कानपुर के पश्चिमी जोन की है जहाँ नो-एंट्री तो लागू है बड़े बड़े बोर्ड भी लगे साथ ही प्रत्येक चौराहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी की तैनाती भी है तमाम टीएसआई, टीआई और जोन प्रभारी की तैनाती भी है पर फिर भी नो-एंट्री में अखिर भारी वाहनों का आवागमन किसके संरक्षण में हो रहा जबकि लगातार सोशल मीडिया से लेकर समाचार चैनलों पर खबरें प्रसारित हो रही है I
*सूत्र- मिक्सचर वाले ट्रक का सीधा वसूली ट्रैफ़िक प्रभारी जोन पश्चिम को जाता*
इसी लिए इनको कोई हाथ नहीं लगाता का ट्रैफ़िककर्मी बेवस खड़ा रहता है I उसका सबसे बड़ा कारण टीएसआई, टीआई और जोन प्रभारी और (मिक्सचर/डम्फर) सफेदपोश माफियाओं का सिंडिकेट है I
*पड़ताल में नाम सामने न आने की शर्त पर ट्रैफ़िककर्मी ने एक बड़ा खुलासा किया कि अगर गाड़ियां रोक लो तो टीएसआई, टीआई और जोन प्रभारी में से कोई न कोई फोन कर के गाड़ी जाने देने का मौखिक आदेश देते है और सीनियर अधिकारियों का आदेश मानना मजबूरी है और बदनामी का धब्बा हम निचले कर्मियों को सहना पड़ता है I*
अब सबसे बड़ा सवाल यह है जब भ्रष्टाचार की जड़े उच्चाधिकारियों से ही जुड़ी है तो *नो-एंट्री का भ्रामक आदेश क्यों लागू है ? बड़े बड़े नो-एंट्री के बोर्ड क्यों लगाए गए हैं?* जब कि कल्याणपुर पनकी अर्मापुर सभी जगह नो-एंट्री बड़े बड़े बोर्ड लगे हैं एवं भारी संख्या में ट्रैफ़िक कर्मियों की भी तैनाती हैं