पार्वती जन्म की कथा सुन आत्मविभोर हुए श्रोता
उन्नाव। श्रीधाम गोकुल बाबा में चल रही शिव महापुराण कथा के छठे दिन शैवाचार्य प्रशांत प्रभुदास जी महाराज ने पार्वती जन्म की कथा में बताया ब्रह्मा जी ने नारद जी से कहा कि मेरे पुत्र सनकादी ने पित्रों की तीन कन्याओं में मेना को आशीर्वाद दिया कि वह विष्णु के अंशभूत हिमालय गिरि की पत्नी होंगी। उससे जो कन्या होगी वह पार्वती के नाम से विख्यात होगी। कहा कि रामचरितमानस में भी आया है कि सती जी ने मरते समय भगवान हरि से यह वर मांगा था कि मेरा हर जन्म में शिवजी के चरणों में अनुराग रहे। इस कारण हिमाचल के घर जाकर पार्वती के रूप में प्रकट हुई। नारद जी ने हिमाचल की पुत्री का हाथ देखकर बताया कि शिवजी को छोड़कर इनका दूसरा वर नहीं हो सकता है। यदि आपकी कन्या तप करे तब भगवान शिव को वर के रूप में प्राप्त कर सकती है। इस दौरान पार्वती ने महान तप किया। कुछ दिन जल और वायु का भोजन किया। कठोर उपवास किया। जो वेल पत्र सूखकर पृथ्वी पर गिरते 3000 वर्षों तक उन्हीं को खाया। इससे उनका नाम उमा पड़ गया। पार्वती की तपस्या से शंकर जी भी खुश हुए और उन्होंने सप्तर्षि को पार्वती की परीक्षा लेने भेजा। ऋषियों ने पार्वती जी से कहा कि नारद जी के कहने में मत आओं और हट छोड़ दो। प्रजापति दक्ष की पुत्री थीं। कथा आजमान देवी प्रसाद साहू, हरि प्रसाद साहू, श्रीमती संतोष साहू, धीरज सिंह, विक्रम सिंह, नीलम त्रिपाठी, निशीथ निगम, राधा निगम, डॉ सुषमा सिंह, श्रीमती लीलावती, संतोष तिवारी, कथा अध्यक्ष अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी व श्रीकांत शुक्ला मुकुल, व्यवस्थापक जितेन्द्र सिंह(अन्नू), संरक्षकों हरि सहाय मिश्र मदन, कमल वर्मा, राजेन्द्र सिंह सेंगर, साधना दीक्षित, राहुल पाण्डेय, विघ्नेश पाण्डेय, संजय पाण्डेय, सरिता सिंह, वंदना सिंह, दीपाली सिंह, इंद्र मणि मिश्रा एडवोकेट, अभिषेक शुक्ला, संजय त्रिपाठी, अनिल गुप्ता, संजय शुक्ला, दिव्या शुक्ला, शोभा पांडेय, चंद्रप्रकाश बाजपाई, ओम प्रकाश सोनी, कुलदीप सिंह, कुँवर बहादुर सिंह, रवि प्रकाश सिंह, कौशल किशोर यादव, संतोष दीक्षित, मनोज सिंह, शिवेन्द्र अवस्थी, रोहित अवस्थी शुभ दुबे आदि ने आशीर्वाद प्राप्त किया। संयोजक डॉक्टर मनीष सिंह सेंगर ने आगामी 13 अगस्त को होने वाले 1008 पार्थिव शिव लिंगों के सामूहिक रुद्राभिषेक में ज्यादा से ज्यादा लोगों को सपरिवार शामिल होने के लिए पंजीकरण कराने की जानकारी दी। बारिश के बावजूद हज़ारों श्रद्धालुओं ने वाटर प्रूफ विशाल पांडाल में निर्बाध रूप से कथा सुनी।
ब्यूरो उन्नाव
पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट