जमाना कर न सका उसके कद का अंदाजा,
वो आसमान था मगर सर झुका के चलता था।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग
कानपुर। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सिख नेता और सन्त लोंगोवाल फाउंडेशन के अध्यक्ष सरदार हरमिंदर सिंह लोंगोवाल ने विख्यात अर्थशास्त्री और भारत के 13वें प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को देश के सर्वोच्च असैनिक सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित करने की मांग प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी से की है।
सरदार हरमिंदर सिंह लोंगोवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी को भेजे एक पत्र में उपरोक्त आशय की मांग करते हुए कहा कि महान अर्थशास्त्री, भारत की ख़राब अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने वाले, सूचना अधिकार, भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, मनरेगा, ग्रामीण स्वास्थ मिशन, आधार जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं देश को उपलब्ध करवाने वाले
बेदाग़ पूर्व प्रधन्मन्त्री डॉ सरदार मनमोहन सिंह ने विभिन्न पदों पर रह कर देश के विकास और आर्थिक सुधारों में अपना अहम योगदान दिया। उनके कार्यों, योजनाओं और योगदान के लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा।भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक विशाल व्यक्तित्व थे, जिनके योगदान ने देश को रूपांतरित किया और उन्हें विश्वभर में सम्मान प्राप्त हुआ। 1990 के दशक के प्रारंभ में वित्त मंत्री के रूप में डॉ. सिंह भारत के आर्थिक उदारीकरण के शिल्पकार थे। अपनी अद्वितीय दूरदृष्टि के साथ, उन्होंने ऐसे सुधारों की शुरुआत की जिन्होंने न केवल देश को भुगतान संकट से उबारा, बल्कि वैश्विक बाजारों के लिए द्वार खोले। उनके द्वारा किए गए विनियमन, निजीकरण और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाले नीतिगत कदमों ने भारत के तेज़ी से विकास की नींव रखी। उनके नेतृत्व में, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया, जो उनकी प्रतिभा और दृष्टिकोण का प्रमाण है।
पत्र में सरदार हरमिंदर सिंह लोंगोवाल रोष व्यक्त करते हुए कहा कि वैश्विक छवि वाले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी की अंत्येष्टि और स्मारक को लेकर जन्मे एक अनावश्यक विवाद ने कहीं न कहीं सरकार की छवि को भी धूमिल करने का काम किया है, भारत के पहले और एकमात्र सिख पूर्व प्रधानमंत्री के साथ इस तरह के बर्ताव और भेदभाव से राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर सिख समाज में व्यापक रोष और अप्रसन्नता है, पत्र में कहा गया है कि समय समय पर सिख समाज को लेकर व्यक्त भावनाओं और दावों को इस घटना ने कोसों पीछे छोड़ इस विवाद ने कहीं न कहीं सिख समाज को दूसरे दर्जे के नागरिक होने का एहसास कराया है। देश की राजधानी दिल्ली यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि है पास ही शांतिवन में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भी समाधि है फिर क्रमवार पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, सांसद संजय गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, डॉ शंकर दयाल शर्मा, पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल, पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपाई की समाधियां बनी है, ऐसे में अविलंब सरकार को डॉ मनमोहन सिंह जी की समाधि पर सरकार को सकारात्मक कार्यवाही करनी चाहिए।
पत्र में सरदार हरमिंदर सिंह लोंगोवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से देश विदेश के सिख समाज की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी को देश के सर्वोच्च असैनिक सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित करने, राष्ट्रीय राजधानी में उनकी समाधि और स्मारक के निर्माण की मांग की है। पत्र की प्रतिलिपियां भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनकड़, लोक सभा में नेता विपक्ष श्री राहुल गांधी, राज्य सभा में नेता विपक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी की पत्नी सरदारनी गुरशरण कौर को भी भेजने के साथ साथ देश के सभी दलों के सिख संसद सदस्यों और सभी दलों के सिख नेताओं को भी भेजी गई है।
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