हर्बल रोड बनेगी मंधना-शुक्लागंज फोरलेन, सड़क के किनारे वन विभाग को पौधारोपण के लिए मिलेगी जगह
मंधना शुक्लागंज फोरलेन निर्माण में बाधा बनने वाले 466 पेड़ों की कटान करके हर्बल रोड का निर्माण किया जाएगा। वन विभाग फोरलेन के किनारों पर फल-फूलदार वृक्षों के साथ औषधियुक्त पेड़ भी लगाएगा। वन विभाग ने पेड़ों की कटान के लिए पीडब्ल्यूडी को अनुमति दे दी है
मंधना, बिठूर, शुक्लागंज होते हुए लखनऊ की ओर जाने वाले 17 किलोमीटर लंबे मार्ग के चौड़ीकरण के लिए पीडब्ल्यूडी ने 92.92 करोड़ की लागत से गाजियाबाद की शर्मा कंस्ट्रक्शन को टेंडर दिया था। 7.50 मीटर चौड़ी सड़क को दोनो ओर 8.50 मीटर चौड़ीकरण का काम किया जाना है। इसके साथ ही फोरलेन के दोनों तरफ तीन-तीन फीट चौड़ा फुटपाथ भी बनाया जाना है।
मीटर का डिवाइडर सड़क के बीच में होगा व फोरलेन के दोनो ओर नाला व रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइट का निर्माण किया जाएगा। तीन मार्च को शुरु हुआ फोरलेन निर्माण में 13 किलोमीटर ट्रंच खोदाई का कार्य पूरा कर लिया गया है। फोरलेन निर्माण में गंगा बैराज से उन्नाव जाने वाले रास्ते से मंधना की ओर सबसे ज्यादा पेड़ बाधा बन रहे थे, जिनकी कटान के लिए वन विभाग ने 63 लाख का एस्टीमेट दिया था।
साथ ही फोरलेन के किनारे छायादार वृक्ष लगाने के लिए जगह की भी पीडब्ल्यूडी से मांग की थी, जिसे विभाग ने स्वीकृत कर लिया था। जिसके बाद वन विभाग ने एनओसी प्रदान की। वन विभाग पेड़ों की कटान के बाद सड़क पर औषधियुक्त पेड़ लगाने पर भी विचार कर रहा है। फोरलेन के दोनों ओर अन्य वृक्षों के साथ बेल, जामुन, नीम, बढ़हल, हरहड़, आंवला, अमलतास, अर्जुन, अशोक, गुंदा, नीलगिरी, पीपल, फालसा समेत अन्य पेड़ लगाए जाएंगे। डीएफओ दिव्या ने बताया कि फोरलेन निर्माण के दोनों ओर छायादार वृक्षों के साथ औषधियुक्त बड़े पेड़ लगाए जाएंगे।
सपा ने मुआवजा देने की मांग की
दिल्ली में पुराने राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की डूबकर मौत के मामले में सपा कार्यालय में शोक सभा हुई। जिलाध्यक्ष हाजी फजल महमूद ने कहा कि केंद्र सरकार से मांग है कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा दें। घटना की सीबीआई या अन्य किसी सरकारी संस्था से जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की
जाए। इस दौरान प्रदेश सचिव केके शुक्ला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शैलेंद्र यादव मिंटू, मो.अरशद दद्दा, रजत मिश्रा, सत्यनारायण गहरवार, संजय निषाद आदि रहे।
सुमित सिंह की रिपोर्ट