पितरों को नमन*
*वो कल थे तो आज हम हैं*
*उनके ही तो अंश हम हैं।*
*जीवन मिला उन्हीं से*
*उनके कृतज्ञ हम हैं,*
*सदियों से चलती आयी*
*श्रंखला की कड़ी हम हैं।*
*गुण धर्म उनके ही दिये*
*उनके प्रतीक हम हैं,*
*रीत रिवाज़ उनके हैं दिये*
*संस्कारों में उनके हम हैं।*
*देखा नहीं सब पुरखों को*
*पर उनके ऋणी तो हम हैं,*
*पाया बहुत उन्हीं से पर*
*न जान पाते हम हैं।*
*दिखते नहीं वो हमको*
*पर उनकी नज़र में हम हैं,*
*देते सदा आशीष हमको*
*धन्य उनसे हम हैं।*
*खुश होते उन्नति से*
*दुखी होते अवनति से,*
*देते हमें सहारा*
*उनकी संतान जो हम हैं।*
*इतने जो दिवस मनाते*
*मित्रता प्रेम आदि के,*
*पितरों को भी याद कर लें*
*जिनकी वजह से हम हैं।*
*आओ नमन कर लें, कृतज्ञ हो लें,*
*क्षमा माँग लें, आशीष ले लें*
*पितरों से जो चाहते हमारा भला*
*उनके जो अंश हम हैं…!!!*
*सर्व पितृ पितरों को शत शत नमन..*




