कटरा हादसा: वैष्णो देवी दर्शन को गईं दो बहनों की भूस्खलन में मौत, बागपत- मेरठ में छाया मातम
फिरोज खान भास्कर टुडे
ब्यूरो रिपोर्ट-रफत आलम
जम्मू-कश्मीर के कटरा में माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए भीषण भूस्खलन ने दो परिवारों की खुशियां छीन लीं। बागपत जिले के खेकड़ा निवासी चांदनी (23) और मेरठ जिले के मवाना की रहने वाली उसकी बड़ी बहन नीरा (36) की इस हादसे में मौत हो गई। दोनों बहनों का शव गुरुवार को उनके घर पहुंचा तो मातम का माहौल छा गया। गमगीन वातावरण में परिजनों और रिश्तेदारों ने नम आंखों से उनका अंतिम संस्कार किया।
यात्रा बनी काल
जानकारी के अनुसार खेकड़ा के छोटा बाजार निवासी मयंक गोयल अपनी पत्नी चांदनी, साढ़ू अमित, उसकी पत्नी नीरा और बेटी विधि के साथ 25 अगस्त को मां वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचे थे। यात्रा संपन्न कर लौटते समय अचानक कटरा में पहाड़ी से मलबा गिर पड़ा। देखते ही देखते परिवार भूस्खलन की चपेट में आ गया। चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग और प्रशासन की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। मलबे में दबे पांचों लोगों को बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया।
दो की मौत, तीन घायल
डॉक्टरों ने चांदनी और नीरा को मृत घोषित कर दिया जबकि अन्य तीन लोगों का इलाज चल रहा है। हादसे की खबर जैसे ही बागपत और मेरठ पहुंची, परिवारों में कोहराम मच गया। खेकड़ा के छोटा बाजार स्थित मयंक गोयल के घर पर सुबह से ही रिश्तेदारों और पड़ोसियों की भीड़ जुटी रही। हर किसी की आंखें नम थीं और लोग परिजनों को ढांढस बंधाते नजर आए।
4 महीने पहले हुई थी शादी
इस हादसे ने चांदनी के पति मयंक की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। अप्रैल 2025 में ही गाजियाबाद निवासी चांदनी की शादी मयंक गोयल से हुई थी। शादी के महज चार महीने बाद ही चांदनी की मौत की खबर ने पूरे परिवार को तोड़ दिया। घर में शादी की यादें अभी ताजा ही थीं कि अचानक ऐसा दुखद हादसा सामने आ गया।
गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार
गुरुवार सुबह जब एंबुलेंस से चांदनी का शव खेकड़ा पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई। परिवार के लोग बेसुध होकर रोने लगे। पास-पड़ोस के लोग भी इस दर्दनाक दृश्य को देखकर खुद को रोक नहीं पाए। चांदनी का अंतिम संस्कार गमगीन माहौल में किया गया। वहीं मेरठ के मवाना में भी नीरा के शव के पहुंचने पर परिवारजन फूट-फूटकर रो पड़े।
परिजनों ने उठाई सुरक्षा पर सवाल
हादसे के बाद मृतकों के परिजनों ने प्रशासन से सवाल उठाए कि आखिर यात्रा मार्ग पर भूस्खलन रोकने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए जाते। हर साल हजारों लोग माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सुरक्षा इंतजामों की कमी के कारण इस तरह की घटनाएं जानलेवा साबित हो रही हैं।
कटरा में हुआ यह हादसा सिर्फ दो परिवारों को ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र को गमगीन कर गया। अब दोनों बहनों की यादें ही उनके परिजनों के साथ रह गई हैं। शादी की खुशियां मातम में बदल गईं और दर्शन की यात्रा जीवन का अंतिम पड़ाव बन गई।




