*कानपुर क्या भ्रष्टाचार अब बलशाली हो चला है*
*शहर वासियों में कुछ न्याय मिलने की आस जागी थी शासन स्तर पर लेकिन वह भी अब धूमिल हो गई, बहुत मुश्किल से न्याय प्रिय जिलाधिकारी शहर वासियों को मिले,तो उसमें भी अब अड़चनें आ गई, शुक्र है ईश्वर का कि कही से तो न्याय अभी भी मिल सकता है कानपुर कमिश्नर अखिल कुमार द्वारा शहर की पीड़ित जनता को*
*क्या अब उच्च स्तर के अधिकारी गढ़ को भी न्याय करने के लिए विचार करना पड़ेगा*
*क्यों कि पता नहीं कब कोई नेता किसके पक्ष में खड़ा हो जाए*
*भ्रष्टाचार और अपराध के युग में शायद ही कोई न्याय के लिए आए वरना न्याय पाने के लिए सिर्फ़ समाज को अब भटकना ही पड़ेगा*
*ग़रीब पीड़ित समाज के लिए कार्यरत और विभागों में बढ़ते भ्रष्टाचार पर लगातार कार्यवाही करने वाले जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ़ में आखिर क्यों समाज के जिम्मेदार नेता और अपने आप को समाज का रहनुमा बताने वाले खिलाफत में आ गए और सीएमओ की पक्षपात करने लगे*
*क्या सीएमओ ने भ्रष्ट और मानक विहीन अस्पतालों के खिलाफ़ कोई कार्यवाही की, क्या सीएमओ ने स्वास्थ्य विभाग में बढ़ती हुई अराजकता को समाप्त करने के लिए कोई ठोस कदम उठाया, क्या भ्रष्ट चिकित्सको के खिलाफ़ कार्यवाही की, अगर नहीं तो पक्षपात क्यों किया जा रहा है ?*
*जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने ग़रीब पीड़ित परिवार से आने वालों के लिए शिक्षा की फ़ीस भरी, बल्कि भोजन के लिए परेशान रहने वाले कई पीड़ित परिवार की सहायता भी की, पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का कार्य भी किया व कई ऐसे कार्य रहे हैं जो कि ईश्वरीय कार्य किया गया जिलाधिकारी द्वारा, फ़िर भी ख़िलाफत*
*मतलब यह है कि आज भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ने वाला दोषी है ?क्या न्याय किसी भी विभाग में नहीं है अब ?,भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुका है ?*
डिस्टिक हेड
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट




