200 करोड़ की ठगी का मास्टरमाइंड राजेश मौर्य गिरफ्तार, डेढ़ साल से था फरार
फिरोज खान की रिपोर्ट
बरेली। बारादरी पुलिस ने शनिवार को 200 करोड़ की रियल एस्टेट ठगी के आरोपी गंगा इन्फ्रासिटी प्रा. लि. के डायरेक्टर राजेश मौर्य को पीलीभीत बाईपास स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी डेढ़ साल से फरार चल रहा था और उस पर कई गैर-जमानती वारंट जारी थे। गिरफ्तारी के बाद उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
मूल रूप से कुशीनगर निवासी मौर्य ने 2018 में बरेली में गंगा इन्फ्रासिटी के नाम से कंपनी शुरू की थी। भुता थाना क्षेत्र में 200 बीघा जमीन पर प्लॉटिंग योजना चलाई गई और 3 लाख रुपये में प्लॉट बेचने का वादा किया गया। निवेशकों को मंथली रिटर्न और पांच साल में पैसा दोगुना करने का झांसा दिया गया। लेकिन कुछ समय बाद भुगतान बंद हो गया और सैकड़ों चेक बाउंस हो गए। इससे करीब 200 निवेशक ठगी का शिकार हो गए।
राजेश मौर्य पर बरेली, मथुरा, दिल्ली सहित कई जिलों में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें IPC की धारा 420, 406, 409, 467, 468, 471 और एनआई एक्ट की धारा 138 शामिल हैं।
सपने बेचे, पैसा डुबोया और फरार हो गया ठगों का सरगना राजेश मौर्य, अब चढ़ा पुलिस के हत्थे
200 करोड़ की ठगी कर निवेशकों की ज़िंदगी बर्बाद करने वाला गंगा इन्फ्रासिटी का डायरेक्टर राजेश मौर्य आखिरकार पकड़ा गया। बारादरी पुलिस ने शनिवार को उसे पीलीभीत बाईपास स्थित उसके घर से दबोच लिया। आरोपी डेढ़ साल से फरार चल रहा था और उस पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।
राजेश मौर्य ने प्लॉटिंग के नाम पर 3 लाख रुपये में 100 गज के प्लॉट बेचने की योजना चलाई, मंथली रिटर्न और 5 साल में रकम दोगुनी करने का लालच दिया। नकद पैसे वसूल कर खाली चेक दिए, जो बाद में बाउंस हो गए। निवेशकों ने जब विरोध किया, तो पुलिस में शिकायतें दर्ज हुईं और गैंगस्टर एक्ट तक लगा।
दिल्ली, मथुरा समेत कई जिलों में भी दर्ज हैं केस। फ्रेंचाइज़ी स्कीम के नाम पर 2 लाख की सिक्योरिटी लेकर हर महीने 18 हजार वेतन का लालच देकर भी कई युवाओं को ठगा गया। अब पुलिस उसकी पूरी जालसाज़ी की तह में जाकर जांच कर रही है।




