सताब्दी बसों में ट्रांसपोर्टिंग का नया ट्रेंड, सुरक्षा और सुविधा पर उठे सवाल
ब्यूरो चीफ, कालपी जालौन — शैलेन्द्र सिंह तोमर
कालपी (जालौन): सताब्दी बसों का उपयोग अब केवल यात्रियों की आवाजाही तक सीमित नहीं रह गया है। इन बसों का इस्तेमाल अब बड़े पैमाने पर ट्रांसपोर्टिंग के लिए भी किया जा रहा है। ताज़ा मामला कालपी में देखने को मिला, जहां एक डबल-डेकर बस की छत पर बड़ी मात्रा में सामान को लादा जा रहा था।
बस की छत पर चढ़कर लोग भारी बोरियाँ और डिब्बे व्यवस्थित कर रहे थे, जिससे सुरक्षा मानकों की धज्जियाँ उड़ती दिखीं। इस तरह की व्यवस्था न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह नियमों का उल्लंघन भी माना जा सकता है।
बस पर अंकित वेबसाइट www.safarexpressbus.com से यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि यह बस किसी प्राइवेट ट्रैवल एजेंसी से सम्बंधित है। सवाल यह उठता है कि प्रशासन ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई करेगा?
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं आम हो गई हैं और इसके पीछे प्रशासन की ढिलाई है।
क्या प्रशासन सतर्क होगा और ऐसी ट्रांसपोर्टिंग गतिविधियों पर रोक लगाएगा? या फिर ये बसें यात्रियों से ज्यादा मालवाहक बनती चली जाएंगी?




