आज दिनांक 22 मार्च 2025 को नेहरू युवा केंद्र 57 एनसीसी बटालियन उन्नाव तथा B.Ed विभाग डीएसएन कॉलेज उन्नाव के संयुक्त तत्वाधान में विश्व जल दिवस मनाया गया
। इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सदर विधायक श्री पंकज गुप्ता जी ने कहा कि
“जल ही जीवन है, जल है तो कल है…” ये नारा आपने सुना होगा। लेकिन ये सिर्फ नारा मात्र नहीं है, बल्कि सच्चाई भी यही है। दुनिया में सिर्फ तीन फीसदी से कम ताजे पानी के स्त्रोत हैं और यह आंकड़ा कम ही होता जा रहा है। कप्तान रवि रंजन ने बताया कि
तेजी से जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण, कृषि उद्योग और ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में पानी की बढ़ती जरूरत के कारण जल की मांग बढ़ती जा रही है। हालांकि जलवायु परिवर्तन, वर्षा के बदलने के पैटर्न और मौसम संबंधित घटनाओं के कारण पानी की कमी भी बढ़ रही है। विश्व पानी के संकट से जूझ रहा है। इसके कारण भविष्य खतरे में पड़ सकता है। प्रोफेसर सुनील वर्मा ने कहा कि विश्व जल दिवस 2025 की थीम ‘ ग्लेशियर संरक्षण ‘ है।
लेफ्टिनेंट डॉक्टर विपिन सिंह ने जल संरक्षण के घरेलू उपाय बताते हुए कहा कि वाशिंग मशीन पूरी क्षमता से चलाएं।
,नल में अगर लीक है या नल में पानी का प्रवाह अधिक तेज हैं तो उसे ठीक करें।,सुबह ब्रश करते वक्त पानी बंद रखें।,जब शेविंग कर रहे हों तो नल से पानी बहते न रहने दें। ,घरेलू स्तर पर सोख्ता गड्ढा बनाएं।
प्रोफेसर ममता चतुर्वेदी ने पानी बचाने के अन्य तरीके के बारे में बताते हुए कहा ताजे पानी का उपयोग सोच-समझकर करें। ,पीने के पानी को सुरक्षित रूप से संभालें और संग्रहित करें।, गंदे पानी का विवेकपूर्ण प्रबंधन करें। , घर पर न्यूनतम गंदा पानी उत्पन्न करें। ,विभिन्न प्रयोजनों के लिए गंदे पानी का पुन: उपयोग करें। 57 एनसीसी बटालियन के सूबेदार मेजर श्री नवीन ने कहा की किन किन माध्यमों से जल बचा सकते हैं, इसके तरीके तो पता होते हैं लेकिन जल बचाने का समाधान क्या है। ये बात अपने बच्चे के साथ ही अन्य लोगों को समझाएं।ऐसे लोगों का उदाहरण तलाश करें जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के तरीकों पर काम कर रहे हैं।
डीएसएन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रदीप गुप्ता ने कहा की समाचारों या अपने समुदाय में देखी गई सकारात्मक और प्रेरक कहानियों पर चर्चा करें। इस बारे में बात करें कि एक परिवार के रूप में आप क्या कदम उठा रहे हैं, जैसे अपने घर में कचरा कम करना, पानी बचाना, रीसाइक्लिंग करना या बेवजह लाइट्स और उपकरणों को बंद करना। नेहरू युवा केंद्र के युवा अधिकारी विनीत गहलावत ने कहा कि
ग्लेशियर पहले से कहीं अधिक तेजी से पिघल रहे हैं।
जैसे-जैसे ग्रह गर्म होता जा रहा है, हमारी जमी हुई दुनिया सिकुड़ती जा रही है, जिससे जल-चक्र और अधिक अप्रत्याशित होता जा रहा है।
अरबों लोगों के लिए पिघले पानी का प्रवाह बदल रहा है, जिससे बाढ़, सूखा, भूस्खलन और समुद्र स्तर में वृद्धि हो रही है।
अनगिनत समुदाय और पारिस्थितिकी तंत्र विनाश के खतरे में हैं।
चूंकि हम जलवायु परिवर्तन को कम करने और उससे अनुकूलन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, इसलिए ग्लेशियरों का संरक्षण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
हमें हिमनदों के पिघलने की गति को धीमा करने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना होगा।
कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में एनसीसी के कैडेट तथा बीएड विभाग के प्रशिक्षणर्थी उपस्थित रहे।
आज दिनांक 22 मार्च 2025 को नेहरू युवा केंद्र 57 एनसीसी बटालियन उन्नाव तथा B.Ed विभाग डीएसएन कॉलेज उन्नाव के संयुक्त तत्वाधान में विश्व जल दिवस मनाया गया
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