1954 के महाकुंभ मेले में मची भगदड़ में 800 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन कई लोगों का मानना है 1600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
1954 में VIP हाथियों पर बैठकर शाही स्नान करने आए थे. 2025 में VIP अपनी SUV गाड़ी में आ रहे हैं.
1965 के कुंभ मेले में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गहन शोध अध्ययन हुआ. रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी विभूति नारायण राय जी के अनुसार, के पी श्रीवास्तव ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक व्यवस्था को डिजाइन किया.
तब से इसी ट्रैफिक व्यवस्था हर कुंभ मेले में पुलिस अधिकारी पालन कर रहे थे. इस ट्रैफिक व्यवस्था में भीड़ को काफी रोकना नही है. भीड़ का मूवमेंट हर पल हर सेकंड चलते रहना चाहिए,
एक सेकंड के लिए रुकना नही चाहिए. उदाहरण : मान लीजिए घाट “B” पर अधिक भीड़ हो गयी है, 10 मिनिट में पीछे से और भीड़ आ रही है. पीछे की भीड़ को दूसरे रास्ते पर मोड़ देना है और इस भीड़ को तब तक अनगिनत पैसेज और पुलों पर से चलाते रहना है जब तक घाट “B” पर से भीड़ कम नही होती.
लेकिन इस बार हमने सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों के कई वीडियो पर देखा पुलिस ने सड़क बंद और पुल बंदकर भीड़ को रोके रखा है.
लगता है इस बार मार्केटिंग और VIP आवजाही के कारण 1965 के ट्रैफिक रूल का उल्लंघन किया गया, जिसमें स्पष्ट नियम है भीड़ के मूवमेंट को एक पल के लिए भी रोकना नही है. और आने जाने का मार्ग भी अलग होना चाहिए.
डिस्टिक हैड
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट




