प्रतिबंधित मार्गो में धडल्ले से दौड रहे ई-रिक्शा
Û रामादेवी से लेकर गोविन्द नगर बाईपास तक तथा जीटी रोड पर ई-रिक्शा चालकों की अराजकता
कानपुर नगर, कानपुर शहर की सडकों पर लगभग 60 हजार से भी अधिक ई-रिक्शा दौड रहे है जो वर्तमान में यातायात व्यवस्था के सबसे बडे बाधक है। यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ई-रिक्शा को आदेश के बाद मुख्य मार्गो के लिए प्रतिबन्धित कर दिया गया था, लेकिन हालात में कोई सुधार नही हुआ और शहर के मुख्य मार्गो के साथ जीटी रोड तथा रामादेवी चौराहे से लेकर विश्वबैंक बर्रा हाईवे पर बिना किसी खौफ ईरिक्शा दौड रहे है।
ई-रिक्शा के कारण यातायात में होने उत्पन्न होने वाली बाधा तथा जनता की परेशानी को देखते हुए ई-रिक्शा को मुख्य मार्गो के लिए प्रतिबन्धित कर दिया गया था, लेकिन इस आदेश का कोई खास प्रभाव सडकों पर दिख नही रहा है और पहले की ही तरह सभी मुख्य मार्गो, जीटीरोड तथा हाईवे पर ई-रिक्शा चालकों की धमा-चौकडी देखी जा सकती है। रामादेवी चौराहे जो अति व्यस्त चौराहो में एक है यहां चारो कोनो पर ई-रिक्शा चालकों की अराजकता देखी जा सकती है। मुख्य चौराहा होने के कारण यहां पुलिस व्यवस्था तो रहती है लेकिन वह मूक बनी रहती है। ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि पुलिस से उनका बंधा है और इस लिए पुलिस कुछ नही कहती। लगभग यही हालात पीएसी मोड, यशोदानगर, नौबस्ता, गोविन्द नगर, जीटी रोड के चौराहों का है। अब ऐसे में यातायात व्यवस्था किस प्रकार ठीक होगी। बतादें की ईरिक्शा को मुख्य मार्गो से हटाने के लिए बीती 30 अक्टूबर को बैठक में निर्णय लिया गया था और एक नवंबर से प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया गया था, अब नवम्बर बीत चुका है और दिसम्बर की शुरूआत भी हो चुकी है लेकिन अभी पूर्व के आदेशों का कोई भी प्रभाव सडकों पर दिख नही रहा है। आज भी शहर के मुख्य चौराहो पर ई-रिक्शा का जमावडा देखा जा सकता है।
संवाददाता
हरिओम की रिपोर्ट