*कानपुर, न न्याय और न ही इंसाफ किसी को मिलेगा आज का समय दे रहा गवाही*
*पत्रकारों की बात हो या फिर आम जनमानस की,, मुक़दमा आज के समय किसी के भी कहने पर बिना जांच और तथ्य पर लिख दिया जा रहा है*
*वहीं पुलिस विभाग में कार्यरत कई पुलिस वालों के भी ऊपर मुकदमे लगे, तो किसी को लाईन हाज़िर कर दिया गया तो किसी का कहीं ट्रांसफर तत्काल कर दिया गया*
*कई मामले जो सही थे उस पर कार्यवाही भी की गई लेकिन उसी कार्यवाही के दौरान बिना किसी कारण के जो निर्दोष रहे उन पर भी चाबुक चला दिया गया और उनकी सच्चाई को जाना भी नहीं गया*
*वहीं कई अपराधियों ने इस रवैया का बखूबी फ़ायदा उठाया और थानों चौकियों में सिर्फ़ झूठी रिपोर्ट लिखवा दिया और बिना किसी जांच के कई निर्देशों पर मुकदमे में फसाने का काम किया गया, जो कि अभी भी चल रहा है*
*जिनके ऊपर कभी कोई मुक़दमा न चला हो उन पर मुकदमे चलाए गए*
*मतलब साफ़ है कि अगर पत्रकार कोई सही ख़बर चलाए या लिखे तो अपराधी व्यक्ति पहले से ही साठ गाठ कर उस पर रंगदारी मांगने का मुक़दमा भी दर्ज कराता जा रहा है वो भी अपराधी प्रवृत्ति के लोग, जिससे कि आज भी समाज में जो पत्रकार ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं, उन पर प्रशासनिक दबाव बना कर रोकने का प्रयास भी किया जा रहा है। उन्हीं के द्वारा सच्चाई लिखने और भ्रष्टाचार दिखाने का काम लगभग बंद होता जा रहा है*
*वहीं पुलिस विभाग में कई सही पुलिस कर्मी भी शिकार होते जा रहे हैं,आज की राजनीति व्यवस्था पर, जब सही काम को अंजाम दिया जाता है पुलिस कर्मियों द्वारा तो उन पुलिस कर्मी पर भी कोई न कोई राजनीति पॉवर दिखा कर रोकने का काम किया जाता है*
*वहीं तथाकथित पत्रकार, तथाकथित नेता और तथाकथित अपने आप को पावरफुल व्यक्ति बताकर पुलिस विभाग में कार्यरत पुलिस को ही भटकाने का कार्य किया और लालचवश दलाली कर के समाज में सही लोगों पर कार्यवाही करवाने का काम भी किया*
*वहीं लालचवश गलत फ़ीड बैक देना अपने ही उच्च अधिकारियों को मामले से भटकाने का पूरा प्रयास भी आज भी किया जा रहा है, जिसका कि कोई निवारण नहीं निकल रहा है और आम जनमानस बिना किसी कारण से फर्जी मुकदमों में फसता भी जा रहा है, वहीं शहर के सही पत्रकारों के पास सबूतों के साथ अगर ख़बर भी चलाई जा रही है तो उसको भी तथाकथित दलाल लोगो के कहने पर दबाया भी जा रहा है
संवाददाता
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट