चंचुला के पति की उद्धार की कथा सुन भोलेनाथ की जय जयकार कर उठे श्रद्धालु।
उन्नाव। श्री आदि गुरु वैदिक सेवा संस्थान और एवम श्री गोकुल बाबा मंदिर समिति के तत्वावधान में पंचम शिव महापुराण कथा यज्ञ के तीसरे दिन चंचुला के अधर्मी पति बिन्दुग के उद्धार की कथा हुयी। राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता शैवाचार्य प्रशांत प्रभुदास जी महाराज ने बताया कि शिव जी की कृपा से पार्वती जी की सखी बन चुकी चंचुला ने जब माता पार्वती से आग्रह किया कि वह अपने पति को प्राप्त करना चाहती है तो माता ने अपनी दिव्य दृष्टि से देखकर कहा कि वह तो भयावह पिशाच होकर विंध्य पर्वत पर रह रहा है। चंचुला के बार बार आग्रह पर, बिन्दुग की पिशाच योनि से मुक्ति के लिए गंधर्व तुम्बुरु का आवाहन कर बिन्दुग को शिव पुराण की कथा सुनवाई जिससे वह पिशाच योनि से मुक्त होकर शिव लोक गमन कर अपनी पत्नी से मिला। इसी क्रम में महाराज ने बताया कि एक बार पार्वती का सौन्दर्यावलोकन के पश्चात् कामदेव के मन में महादेव को जीतने की अभिलाषा पुनः बलवती हो गयी। ठीक उसी क्षण पार्वती महादेव के आश्रम के द्वार पर उपस्थित हो गयीं। उसी समय महादेव ने भी परमेश्वर की परमज्योति का दर्शन करके अपनी समाधि तोड़ दी। नन्दी ने समाधि खुली होने पर प्रणाम करते हुए पार्वती का परिचय कराया। महादेव ने पार्वती को असाधारण पति प्राप्त करने का आशीर्वाद दिया। पार्वती भक्ति भाव से महादेव के गले में कमल बीजों की माला पहना रही थीं, उसी समय उचित अवसर जानकर कामदेव ने ”सम्मोहन“ नामक अचूक बाण धनुष पर चढ़ा लिया। पार्वती को देखकर शिव के मन में कामविकार उत्पन्न होने लगा। परन्तु महादेव ने अपनी चंचल इन्द्रियों को वश में करते हुए चारों ओर दृष्टिपात किया। जब उन्होंने लक्ष्य साधे हुए कामदेव को देखा, तब अपने तप में बाधक बने कामदेव पर वह अत्यधिक क्रोधित हुए। महादेव ने अपने तृतीय नेत्र की अग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया। महादेव ने तप में बाधक स्त्रियों का साथ छोड़ देने का निश्चय किया। वे उसी क्षण अपने गणों के साथ अंतर्ध्यान हो गए।
कथा आजमान देवी प्रसाद साहू, हरि प्रसाद साहू, श्रीमती संतोष साहू, धीरज सिंह, विक्रम सिंह, नीलम त्रिपाठी, निशीथ निगम, राधा निगम, डॉ सुषमा सिंह, श्रीमती लीलावती, संतोष तिवारी, कथा अध्यक्ष अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी व श्रीकांत शुक्ला मुकुल, व्यवस्थापक जितेन्द्र सिंह(अन्नू), संरक्षकों कमल वर्मा, संजय राठी, ललित मिश्रा, अवधेश मिश्रा, सरिता सिंह, वंदना सिंह, दीपाली सिंग, इंद्र मणि मिश्रा एडवोकेट, अभिषेक शुक्ला, संजय त्रिपाठी, अनिल गुप्ता, संजय शुक्ला, दिव्या शुक्ला, शोभा पांडेय, उमा शुक्ला, चंद्रप्रकाश बाजपाई, ओम प्रकाश सोनी, कुलदीप सिंह, कुँवर बहादुर सिंह, रवि प्रकाश सिंह, कौशल किशोर यादव, संतोष दीक्षित, मनोज सिंह, रोहित शर्मा आदि ने पूजन आरती में भाग लिया। संयोजक डॉक्टर मनीष सिंह सेंगर ने मंच से सहयोगियों का परिचय कराते हुए उनको महाराजश्री से आशीर्वाद दिलाया।
ब्यूरो उन्नाव
पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट