*जिले में बिना मानक के चल रहे 200 से अधिक कोचिंग सेंटर*
*क्या होते हैं कोचिंग के मानक*
*👉कोचिंग का छात्र संख्या के आधार पर पंजीयन।*
*👉कोचिंन पढ़ाने वाले शिक्षक प्रशिक्षित व विषय विशेषज्ञ होना चाहिए।*
*👉 छात्रों की संख्या के आधार पर कमरों में बैठने की व्यवस्था।*
*👉सेंटर में अग्नि सुरक्षा, व प्राथमिक*
*👉चिकित्सा आदि की पर्याप्त व्यवस्था*
*फतेहपुर —–*
दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की कोचिंग सेंटर में दम घुटने से मौत के बाद भी जिले में भूमिगत और संकरी गलियों में मानक विहीन कोचिंग संचालित हैं।
इनमें प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ हाईस्कूल, इंटरमीडिएट में सफलता का वायदा कर अभिभावकों की जेब खाली की जा रही है। सेंटरों में शासन के मानकों का भी पालन नहीं किया जा रहा।
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में सिर्फ जिले के 185 कोचिंग सेंटरों का पंजीयन है। जबकि शहर में दो सौ से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हैं।यहां कई कोचिंग सकरी गलियों और भूमिगत कमरों में चल रहे हैं। कमरों में क्षमता से दो गुना बच्चे बैठाए जा रहे हैं।
इनमें किसी तरह की दुर्घटना होनेपर बाहर निकला मुश्किल है। संचालकों ने आग से बचाव की भी व्यवस्था नहीं की है। बिजली, शौचालय आदि की व्यवस्था नहीं है। प्राथमिक उपचार के नाम पर नहीं है। सेंटर पर मलहम पट्टी तक
*क्या कहते है जिम्मेदार*
*राकेश कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक फतेहपुर ने कहा कि*
*कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण किया जा रहा है। बिना मानक व रजिस्ट्रेशन के कोचिंग मिले तो विधिक कार्रवाई की जाएगी*
टाइम्स एंड स्पेस न्यूज ब्यूरो
अशरफ़ जमाल रिपोर्ट