लगभग 30 साल में JNU छात्र संघ के पहले दलित अध्यक्ष बने धनंजय : सभी सीटों पर लहराया ‘लाल’ परचम
– March 25, 2024
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में एक बार फिर से वामपंथियों ने जीत का परचम लहराया है। चारों सीटों पर वामपंथी उम्मीदवारों की जीत हुई है। धनंजय अध्यक्ष और अविजित उपाध्यक्ष चुने गये हैं। प्रियांशी आर्य (BAPSA वाम समर्थित) को महासचिव और मो. साजिद को संयुक्त सचिव चुना गया। जेएनयू चुनाव समिति (सीईसी) के अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार ने देर रात नतीजों का एलान किया।
नफरत की राजनीति खारिज…’
एजेंसी के मुताबिक फतह हासिल करने के बाद धनंजय ने कहा कि यह जीत जेएनयू के छात्रों का एक जनमत संग्रह है कि वे नफरत और हिंसा की राजनीति को खारिज करते हैं. छात्रों ने एक बार फिर हम पर भरोसा दिखाया है. हम उनके अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे और उन मुद्दों पर काम करें जो छात्रों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा आगे कहा कि कैंपस में महिलाओं की सुरक्षा, फंड में कटौती, स्कॉलरशिप, बुनियादी ढांचा और जल संकट शुरुआत से ही छात्र संघ की बड़ी प्राथमिकताओं में से हैं.
लाल सलाम’ और ‘जय भीम’ के नारों के बीच विजेता छात्रों का उनके समर्थकों ने स्वागत किया. उम्मीदवारों की जीत का जश्न मनाने के लिए छात्रों ने लाल, सफेद और नीले झंडे लहराए.,
अन्य तीन पदों पर भी लेफ्ट की फतह
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के अविजीत घोष ने एबीवीपी की दीपिका शर्मा को 927 वोटों से हराकर उपाध्यक्ष पद जीता है. घोष को 2,409 वोट मिले हैं जबकि शर्मा को 1,482 वोट ही मिल सके. लेफ्ट समर्थित बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (BAPSA) की कैंडिडेट प्रियांशी आर्या ने एबीवीपी के अर्जुन आनंद को 926 वोटों से हराकर महासचिव पद जीता. आर्या को 2,887 वोट मिले जबकि आनंद को 1961 वोट मिले. यूनाइटेड लेफ्ट ने आर्या को अपना समर्थन तब दिया, जब इलेक्शन कमेटी ने उनकी कैंडिडेट स्वाति सिंह का नामांकन रद्द कर दिया.
इसके अलावा संयुक्त सचिव (Joint Secretary) पद पर लेफ्ट के मोहम्मद साजिद ने एबीवीपी के गोविंद दांगी को 508 वोटों से हराकर जीत हासिल की. जेएनयू छात्र संघ चुनाव में वामपंथी पैनल की जीत के साथ, जेएनयू वामपंथी गढ़ होने की अपनी प्रतिष्ठा पर कायम रहा. एबीवीपी ने कांटे की टक्कर दी और शुरुआती रुझानों में सेंट्रल पैनल के सभी चार पदों पर एबीवीपी की बढ़त थी।
स्मृति यादव की रिपोर्ट