*सिंचाई विभाग में 10.47 करोड़ की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी*
बांदा। प्रदेश की योगी सरकार में भष्टाचार को रोकने की जीरो टालरेंस की नीति उस वक्त जनपद में धराशाही होती नजर आती है जब सिंचाई विभाग के जिम्मेदारों के द्वारा 10.47 करोड़ की लागत की योजना को बंदर बांट कर हड़प् लिया जाता है। बताते चलें कि नदी की बाढ़ के पानी से होने वाले कटाव को रोकने लिए ग्रामीणों ने पिचिंग की मांग की थी। ग्रामीणों की मांग पर 10.47 करोड़ रूपये इस कार्य को पूरा करने के लिए कागजों में खर्च कर दिए गए लेकिन योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया गया।
जनकारी के अनुसार केन की बाढ़ से हर वर्ष मिट्टी का कटान हो रहा था। नदी किनारे बसे कनवारा गांव बाढ़ के कारण कई बार डूब चुका है। बाढ़ से परेशान हो कर दर्जनों लोग गांव छोड़कर चले गए। ग्रामीणों ने मंत्री सांसद विधायक गांव में लगी चौपाल पंचायत में पिचिंग की मांग की। ग्रामीणों के प्रयास से 10.47 करोड़ की योजनाएं आई। योजना में विभाग द्वारा कमीशन बाजी के चलते मानक के अनुरूप काम नहीं हुआ। घटिया मटेरियल घटिया तार पत्थर का प्रयोग किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि मिट्टी बाहर से लाकर नहीं डाली गई। यहीं से मिट्टी की खुदाई करके अधिकारियों और ठेकेदारों ने अब गांव को और खतरे में डाल दिया। उन्होंने बताया कि करोड़ों की पिचिंग बर्बाद है इससे अच्छा पिचिंग ही ना होती तो सुरक्षित होते। क्योंकि जितनी ऊंचाई थी ठेकेदारों ने उसको काट के मिट्टी को समतल कर दिया है। अगर अब बाढ़ आएगी तो सीधा गांव में घुस जाएगी। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की पर कुछ नहीं हुआ। तेज तर्रार ईमानदार जिलाधिकारी जे रिभा का आगमन हुआ है।ग्रामीणों ने उनसे मिलकर शिकायत की शिकायत को संज्ञान लेकर जिलाधिकारी मौके पर पहुंची। वही संबंधित अधिकारी जिलाधिकारी को 90 प्रतिशत कम होना बता रहे हैं। जिलाधिकारी ने काम को सही करने का ग्रामीणों को आश्वासन दिया है। वहीं अधिकारियों को मार्च 2025 में पूरा करने के सख्त निर्देश दिया है।
बाँदा-ब्यूरो
अल्तमश हुसैन




