कानपुर पुलिस की बड़ी पहल: स्वरूप नगर थाने में अत्याधुनिक ‘साइबर हेल्प डेस्क’ का आगाज़
डिस्ट्रिक हेड। राहुल द्विवेदी
कानपुर। डिजिटल इंडिया के बढ़ते दौर में जहाँ तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं साइबर अपराध की चुनौतियां भी तेज़ी से बढ़ी हैं। इन चुनौतियों से निपटने और आम जनता को त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में कानपुर कमिश्नरेट के सेंट्रल जोन ने एक ठोस कदम उठाया है। स्वरूप नगर थाना परिसर में नवनिर्मित ‘साइबर हेल्प डेस्क’ कार्यालय का भव्य शुभारंभ किया गया है, जो क्षेत्र में डिजिटल सुरक्षा का नया केंद्र बनेगा।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में उद्घाटन
इस कार्यालय का उद्घाटन डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि इस डेस्क का उद्देश्य केवल शिकायतें दर्ज करना नहीं, बल्कि पीड़ितों को तकनीकी सहायता प्रदान कर उनके धन की रक्षा करना है। इस अवसर पर थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह सहित पुलिस विभाग के कई प्रमुख अधिकारी और उप-निरीक्षक मौजूद रहे, जिनमें सौरभ सिंह, इंदुकांत पांडेय, रवींद्र कुमार, और कुलदीप बैसला जैसे जांबाज अफसर शामिल थे।
क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
आज के समय में ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया हैकिंग, और फिशिंग जैसे अपराध आम हो गए हैं। अक्सर पीड़ितों को यह समझ नहीं आता कि घटना के तुरंत बाद कहाँ जाएँ। स्वरूप नगर की यह नई हेल्प डेस्क स्थानीय निवासियों के लिए एक ‘फर्स्ट रिस्पांस यूनिट’ की तरह काम करेगी। यहाँ नियुक्त टीम को विशेष रूप से डिजिटल साक्ष्यों को सुरक्षित करने और वित्तीय लेन-देन को ट्रैक करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
आमजन को मिलने वाले लाभ
त्वरित निस्तारण: अब साइबर अपराध के शिकार लोगों को मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे; स्थानीय थाने में ही विशेषज्ञ उनकी मदद करेंगे।
गोल्डन ऑवर में मदद: वित्तीय ठगी के मामलों में शुरुआती समय बहुत कीमती होता है। यह डेस्क बैंकों के साथ समन्वय कर ठगे गए पैसे को फ्रीज कराने में मदद करेगी।
जागरूकता केंद्र: यह डेस्क समय-समय पर स्थानीय लोगों को नए तरह के साइबर खतरों के प्रति सतर्क भी करेगी।
निष्कर्ष
कानपुर पुलिस की यह पहल आधुनिक पुलिसिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है। साइबर हेल्प डेस्क के माध्यम से स्वरूप नगर और आसपास के क्षेत्रों में डिजिटल अपराधों पर लगाम लगेगी। पुलिस प्रशासन की इस तत्परता से जनता में सुरक्षा का भाव मजबूत हुआ है और अपराधियों को स्पष्ट संदेश गया है कि तकनीक के दुरुपयोग पर अब पुलिस की कड़ी नज़र है।




