पंचकोश सिद्धांत का व्यक्तित्व विकास में भमिका विषय पर व्याख्यान का आयोजन।
कानपुर नगर, समाजशास्त्र विभाग उीएवी काॅलेज में पंचकोश सिद्धान्त का व्यक्तित्व विकास में भूमिका-भारतीय ज्ञान परम्परा के संदर्भ में विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसका शुभारम्भ डा0 नागेन्द्र स्वरूप द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। प्रो0 रामजी प्रसाद ने समागत अतिथियों का स्वागत व व्याख्यान विषय प्रवर्तन किया। अध्यक्षता प्रो0 अरूण कुमार दीक्षत, प्राचार्य डीएवी काॅलेज ने की।
मुख्यवक्ता प्रो0 जय शंकर बीएसएनवी पीजी कालेज, लखनऊ नेअन्नमय कोष, प्राणमय कोश, मनोमय कोष, विज्ञानमंय कोष साधन के रूप में और अंतिम साध्य के रूप में आनंदमय कोष का विस्तार से विवेचन किया। व्यक्तित्व विकास में पंचकोष सिद्धांत एक व्यापक सिद्धान्त है। यह व्यक्तित्व निर्माण में प्रभावशाली भूमिका का निर्वाह करता है। प्रो0 अयण कुमार दीक्षित ने निर्माण में समाजशास्त्र की महत्त और पंचकोष के सिद्धानत का चरित्र निर्माण में योगदान पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रो0 स्मृति पुरवार, डा0 सवितुर प्रकाश गंगावार, प्रो0 निशा बहल, डा0 सीमा, प्रो0 विनोद कुमार पाण्डेय, प्रो0 ओम पाल सिंह, प्रो0 रजत कुमार, प्रो0 पुष्पेन्द्र त्रिपाठी, प्रो0 सुनीत अवस्थी, डा0 सुबोध कुमार आदि उपस्थित रहे।
हरिओम की रिपोर्ट




