सीएसए का 25वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न, कुलाधिपति/राज्यपाल ने किया मेघावियों को सम्मानित।
कानपुर नगर, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौधेागिकी विश्वविधालय कानपुर के कैलाश भवन प्रेक्षाग्रह में गुरूवार को 25वां दीक्षांत समरोह सम्पन्न हुआ, जिसमें कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थित में 62 मेधावियों को पदक एवं पुरस्कार दिए गए। कुल 599 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 14 छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति स्वर्ण पदक तथा 14 छात्र-छात्राओं को विश्वविधालय रजत पदक, 131 को कांस्य पदक एवं 21 छात्र-छात्राओं को प्रायोजित स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
समारोह में पारितोषिक स्वरूप छात्रा अंशिका शुक्ला एवं छात्र आकाश कुमार कमल को 50 हजार रू0 का चेक दिया गया। राज्यपाल आनंदीबने पटेल, मुख्य अतिथि जीआर चिंताला पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक तथा विषिष्ट अतिथि राज्यमंत्री कृषि शिक्षा एंव अनुसंधान बलदेव सिंह औलख, मंडवा प्रभाकर राव अध्यक्ष एवं मैनेजिंग डायरेक्टर नुजीवीडू सीड्स लि0 हैदराबाद विश्वविधालय के कुलपति डा0 आनंद कुमार द्वारा मेधावियों को पदक दिये गये। राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा विश्वविधालय द्वारा गोद लिए गए, प्राथमिक विधालय नवीन रावतपुर के 30 छात्र-छात्राओं को पुस्तके, दलिया, पेन, फल एवं बैग आदि भेंट किएगऐ साथ ही प्राथमिक विधालय के अध्यापक एवं अध्यापिकाओं को विधालय में पुस्ताकल हेतु 200 किताबें भी भेट की गयी। इस अवसर पर जल संरक्षण के महत्व हेतु प्रेरित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। इससे पूर्व राज्यपाल आनंदीबेन द्वारा चंद्र शेखर आजाद को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। उन्होने अपने संबोधन में कहा कि आने वाला समय महिलाओ का दिख रहा है और जब मै अगली बार कार्यक्रम में आऊंगी तो यहां मंच पर सिर्फ महिलाये होगी। उन्होने विश्वविधालय की तीसरी रैंक की प्रशंसा की तथा अगले वर्ष और अच्छी श्रेणी प्राप्त करने के लिए उत्साहवर्धन किया। उन्होने कहा कि उन्हे कोई तोहफा नही चाहिए। वे सभी को तरह तरह के सम्मान के लिए मना करती रहती है। उन्हे सिर्फ किताबें चाहिए। उन्होने कहा कि आंगनवाडी के पचास बच्चों के बीच में एक आंगनवाडी काम कर रही है। क्या मिलता है उन्हे। मै उनकी सैलरी के बारे में नही बताना चाहती, इसीलिए मैने उन्हे 20 से 25 हजार की किट देने का सोचा है, ताकि बच्चे खेल सके, पढ सकें और तेज दिमाग के साथ तैयार हो सके। मैने 10 साल गुजरात में आंगनवाडी की तरकत्रियों के साथ काम किया है, वहां कोई भेदभाव नही था। मेरा अग्रह है कि आप सभी आंगनवाडी में जोडए और देखिए कि किस तरह बच्चे पढते है। जीआर चिंताला ने कहा कि प्रदेश में कृषि निर्यात की काफी संभावनाए है तथा कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी अधिक है, इसलिए छात्र-छात्राये कृषि क्षेत्र में नवाचार कर आगे बऐ, जिससेउनका भविष्य उज्जवल हो और अपने विश्वविधालय के साथ ही माता पिता का भी नाम रोशन करे। इस अवसर पर विश्विधालय के वैज्ञानिकों द्वारा लिखित चार पुस्तकों का विमोचन भी किया गया, जिसमें शोध निदेशालय द्वारा लिखित वार्षिक प्रतिवेदना, डा0 एनके शर्म एवं ई जय किशन द्वारा लिखित एप्लीकेशन आफ आईओटी इन एग्रीकल्चर, डा0क्अर वाई के सिंह एवं डा0 बलबीर सिंह द्वारा लिखिल ऑर्गेनिक फार्मिंग एवं डा0 शैलेन्द्र प्रताप सिंह व डा0 नौशाद खान द्वारा लिखित मृदा विशान की मूल अवधारणा पुस्तकों का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा0 नौशाद खान एवं डा0 श्वेता यादव द्वारा किया गया। इस अवसर पर बोर्ड के सदस्य विधायक सरेंद्र मैथानी, अर्चना पांडे एव जिला प्रशासन के अधिकारीगण, सभी अधिष्ठाता, निदेशकगण, विभागध्यक्ष व सभी संकाय उपस्थित रहे।