Exclusive: बस मात्र एक कॉल… वरिष्ठ नागरिकों की दिक्कत का तुरंत समाधान, पुलिस लाइन में होगा कार्यालयकानपुर में एक काल पर दूर होगी वरिष्ठ नागरिकों की दिक्कत।
कानपुर, नव वर्ष उम्मीदों के साथ वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत सारी सुविधाएं लेकर आने वाला है। कई सालों से बंद पड़े वरिष्ठ नागरिक सेल को नए कलेवर के साथ चालू करने के निर्देश दिए गए हैं।
जनवरी 2024 से वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएं संबंधित थाने की पुलिस हल ही करेगी, लेकिन इन समस्याओं को कैसे हल करना है? यह सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी बताएंगे। सिर्फ डॉयल-112 पर काल करनी होगी, इसके आगे का काम कमिश्नरेट पुलिस निपटाएगी।
पुलिस लाइन में नई बनी बिल्डिंग में वरिष्ठ नागरिक सेल का कार्यालय होगा। इस कार्यालय में एक इंस्पेक्टर स्तर का वरिष्ठ सेल प्रभारी होगा। वहीं दो दरोगा (एक महिला और एक पुरुष), आठ सिपाही (छह पुरुष व दो महिलाएं) दो होमगार्ड और दो कम्प्यूटर पर काम करने वाले कर्मचारी होंगे।
सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों की पांच टीमें बनाई जाएंगी। हर टीम में दो पुरुष और दो महिला सिपाही सेवानिवृत्त होंगे। थाने से शिकायत इसी सेल में पहुंचेगी और सेल इसे मॉनीटरिंग टीम को भेजेगा। समस्या का समाधान भी इसी चेन की तरह होगा। समस्या के समाधान के बाद हर 15 दिन में तीन महीने तक मॉनीटरिंग की जाएगी।
बीट बुक में दर्ज करना होगा काम
कमिश्नरेट बनने के बाद बीट पुलिसिंग को मजबूत किया है। पुलिस कर्मियों की बीट बुक में इलाके के सभी वरिष्ठ नागरिकों के फोन नंबर और पूरी जानकारी होगी। साथ ही कितनी बार इनके पास जाकर इनकी मदद की गई? यह ब्यौरा भी दर्ज करना होगा। सभी थाने के प्रभारी निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि कम से कम एक बार वरिष्ठ नागरिकों के साथ बैठक जरूर करें।
सुरक्षा की दृष्टि से हर घर कैमरा योजना
शहर की सुरक्षा मजबूत करने के लिए कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने सरकार के आदेश के बाद हर घर कैमरा योजना शुरू की है। इसके तहत लोगों से अपने घर के बाहर कम से कम एक सीसीटीवी कैमरा लगाने की अपील की जाएगी। इसका मकसद शहर की हर गली और मार्गों की पैनी निगरानी करना है। इससे वरिष्ठ नागरिकों की मॉनीटरिंग और घर आने जाने वाले कर किसी की जानकारी होगी।
डायल-112 पर करें शिकायत
किसी भी तरह की समस्या होने पर पहले डायल-112 पर शिकायत करनी होगी। इस पर काल करने के बाद वरिष्ठ नागरिक का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इसके बाद मैनुअली संबंधित थाने से एक पुलिस कर्मी आएगा और एक फार्म भराया जाएगा, जिसमें परिवार की जानकारी और वरिष्ठ नागरिकों की सेहत से जुड़ी तमाम बिंदुओं पर जानकारी मांगी जाएगी। इस फार्म की तीन कॉपियां होंगी। एक कॉपी लोकल थाना, दूसरी कॉपी पुलिस के रिकॉर्ड और तीसरी कॉपी वरिष्ठ नागरिक के पास होगी।
ये दिक्कतें दूर करेगा सेल
-पेंशन की समस्या।
-किराएदार या नौकर का सत्यापन।
-पड़ोसी या नौकर से विवाद।
-सास-बहू या ससुर-बहू का विवाद।
-पिता-पुत्र या माता-बेटे का विवाद।
-जरूरत की चीजों की कमी होने पर।
– बैंक से रुपये लाने और ले जाने पर।
-किसी गंभीर विषय पर कानूनी राय लेने में।
-ज्यादा बीमार होने पर अस्पताल पहुंचाने में।
-परिवार या बाहर के लोगों से जमीनी विवाद।
-बिजली, पानी और हाउस टैक्स का विवाद।
-कहीं जाने के लिए रेल और एयर टिकट कराना।
-किसी भी तरह का प्रमाण पत्र बनना।
इसलिए महसूस की गई जरूरत
तकरीबन चार वर्ष पहले इस योजना को शासन ने शुरू किया था, लेकिन समय के साथ योजना नहीं चल पाई। बीते कुछ वर्षों में जान देने वालों का आंकड़ा खंगाला गया तो कमिश्नरेट में वरिष्ठ नागरिकों की हत्या और जान देने के कई मामले सामने आए। इसकी वजह तलाशने पर अकेलापन सामने आया। शारीरिक और सामाजिक रूप से सक्रिय सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों को इस टीम में शामिल किया गया है।
जनवरी 2024 से वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह योजना शुरू की जाएगी। इससे कमिश्नरेट में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलेगा।- *डॉ. आर के स्वर्णकार, पुलिस कमिश्नर
*सुमित सिंह की रिपोर्ट**