ग्राम पंचायत सचिव पर अनुसूचित जाति के इंजीनियर को फोन पर जातिसूचक गालियाँ और जान से मारने की धमकी देने का आरोप
ब्यूरो चीफ जालौन – शैलेंद्र सिंह तोमर
उरई (जालौन)। जिले में एक बार फिर सरकारी अधिकारी द्वारा जातिसूचक टिप्पणी और धमकी देने का गंभीर मामला सामने आया है। विकासखंड कदौरा में तैनात एक ग्राम पंचायत सचिव पर अनुसूचित जाति के कंसल्टिंग इंजीनियर को फोन पर गालियाँ देने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित राजेंद्र वर्मा पुत्र चन्नीलाल, निवासी नया पटेल नगर चुर्खी बाईपास उरई, विकासखंड कदौरा में कंसल्टिंग इंजीनियर (सलाहकार अभियंता) के रूप में कार्यरत हैं। राजेंद्र वर्मा ने पुलिस अधीक्षक जालौन को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि दिनांक 2 अक्टूबर 2025 को समय 11:23 बजे पूर्वाह्न, ग्राम पंचायत सचिव रविन्द्र प्रजापति (ग्राम मटरा, विकासखंड कदौरा, हाल निवास तुलसीधाम के पास उरई, मोबाइल नंबर 9076560111) ने उन्हें फोन कर न केवल जातिसूचक गालियाँ दीं, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी।
राजेंद्र वर्मा के अनुसार, जब उन्होंने शांतिपूर्वक बात करने और विवाद का कारण पूछने की कोशिश की तो रविन्द्र प्रजापति और अधिक भड़क गया और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए कहा —
“अगर कदौरा ब्लॉक में दिख गए तो जान से मार दूँगा, और जोल्हुपुर कदौरा रोड पर दिख गए तो तेरी गाड़ी उल्टा देंगे।”
पीड़ित इंजीनियर ने बताया कि वह अनुसूचित जाति से संबंधित हैं और सचिव ने फोन पर उनके परिवार को भी गंदी-गंदी गालियाँ दीं, जिनका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद से वे मानसिक रूप से अत्यंत भयभीत हैं और अपने जीवन एवं परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
राजेंद्र वर्मा ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक जालौन को लिखित शिकायत दी है, साथ ही प्रतिलिपि जिला पंचायत राज अधिकारी जालौन, खंड विकास अधिकारी कदौरा, सहायक विकास अधिकारी पंचायत कदौरा, तथा प्रभारी निरीक्षक उरई को भी भेजी है। उन्होंने मांग की है कि आरोपी पंचायत सचिव के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट सहित संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
पीड़ित ने कहा कि —
“मैंने कभी किसी से दुर्व्यवहार नहीं किया, लेकिन रविन्द्र प्रजापति ने अचानक फोन पर जातिगत अपमान किया और धमकी दी। मुझे डर है कि कहीं वह मुझे या मेरे परिवार को नुकसान न पहुँचा दे।”
इस घटना से सरकारी तंत्र में व्याप्त जातिगत भेदभाव और अफसरशाही के रवैये पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी जालौन कार्यालय ने जांच के आदेश जारी किए हैं।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कब तक कार्रवाई करता है या यह मामला भी बाकी शिकायतों की तरह फाइलों में दबा रह जाएगा।




