ज़हर बेचने का काम किया जा रहा है, तो वहीं खुलेआम आम जनता को सिर्फ़ धोखा दिया जा रहा है
और हर किसी के जीवन में प्रयोग भी किया जा रहा है कंपनियों द्वारा बड़े बड़े प्रलोभन देकर*
*आज समाज में कैंसर और हार्ट अटैक की बढ़ती बीमारियां,डिप्रेशन और अन्य छोटी बीमारियों का भी इलाज़ संभव नहीं है, हर एक बीमारी लाइलाज हो गई हैं, कुछ दिनों तक अस्पतालों में बिस्तर फ़िर तो घाट पर ही दिखाया जाता है ठिकाना*
*इस बड़े स्तर के भ्रष्टाचार पर सभी राजनीतिक पार्टियों की सरकार इसलिए चुप्पी साधती आई है क्यों हो सकता राजस्व को खतरा हो जाए*
*ज़हर बिकना अब आम हो चुका है, रही बात दिखावे की तो त्योहारों में FSSAI सिर्फ़ मोटा माल बटोरने के लिए कार्यवाही मात्र दिखावा करने के लिए दबिश देती दिखती है*
*हर किसी के जीवन में अब सिर्फ़ ज़हर ही परोसा जा रहा है कोई सुरक्षित नहीं, चमकदार पैकिंग में घुला हुआ ज़हर इंसान बड़े ताव और चाव से खरीद रहा है अपने जीवन में ग्रहण भी कर रहा है*
*चिकित्सा विभाग वैसे भी मुंह बघारे खड़ा है आओ लूटे*
डिस्टिक हेड
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट




