प्लास्टिक मुक्त गांव बनेंगे जनपद की पहचान, आरआरसी सेंटरों पर जिलाधिकारी की सख्ती
ब्यूरो चीफ जालौन – शैलेन्द्र सिंह तोमर
जालौन। स्वच्छता को जनांदोलन बनाने और गांवों को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। सोमवार को विकास भवन स्थित रानी लक्ष्मीबाई सभागार में जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि काम में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि आरआरसी (रिसोर्स रिकवरी सेंटर) को पूरी तरह क्रियाशील रखा जाए। प्रत्येक सेंटर की सप्ताह में कम से कम दो बार मॉनिटरिंग अनिवार्य की जाए। उन्होंने कहा कि सेंटर की आमदनी, गतिविधियों और प्रबंधन का लेखा-जोखा पारदर्शी और समयबद्ध होना चाहिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने व्यक्तिगत शौचालय निर्माण, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, एफएसटीपी यूनिट (फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि एफएसटीपी और प्लास्टिक यूनिट के लिए स्थल चयन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करें ताकि कार्य आरंभ कराया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक मुक्त गांव की अवधारणा को सिर्फ अभियान तक सीमित न रखें, बल्कि इसे गांव-गांव की संस्कृति का हिस्सा बनाया जाए। इसके लिए जनजागरूकता अभियान, स्वच्छता रैलियों और स्कूलों में संवाद के माध्यम से समुदाय को जोड़ा जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह जनमानस की जीवनशैली होनी चाहिए। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि वे टीम भावना के साथ कार्य करें और ज़मीनी स्तर पर परिणाम सुनिश्चित करें।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी के.के. सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र देव शर्मा, परियोजना निदेशक डीआरडीए अखिलेश तिवारी, जिला पंचायती राज अधिकारी राम अयोध्या प्रसाद, बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रप्रकाश सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।




