पातालेश्वर मंदिर प्रांगण में शराब और मांस का सेवन कर किया अपवित्र, प्रशासन ने की धारा 151 में कार्यवाही
ब्यूरो चीफ, जालौन — शैलेन्द्र सिंह तोमर
कालपी तहसील अंतर्गत पातालेश्वर मंदिर प्रांगण में रविवार को दो युवकों द्वारा खुलेआम शराब पीने और मांसाहारी भोजन करने का मामला सामने आया है। यह कृत्य मंदिर परिसर की मर्यादा और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बताया जा रहा है।
सूचना मिलने पर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया और प्रशासन को सूचना दी। पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए सोमवार की सुबह दोनों युवकों के खिलाफ IPC की धारा 151 (सार्वजनिक शांति भंग की आशंका) के अंतर्गत चालान कर दिया है।
क्या होनी चाहिए थी कानूनी कार्यवाही?
हालांकि प्रशासन ने केवल धारा 151 के तहत कार्यवाही की है, लेकिन विधिवेत्ताओं के अनुसार इस घटना में निम्नलिखित धाराएँ भी लग सकती थीं:
IPC धारा 295 – धार्मिक स्थल को अपवित्र करने के लिए (2 वर्ष तक की सजा)
IPC धारा 295A – जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना (3 वर्ष तक की सजा)
IPC धारा 153A – धर्म के आधार पर शत्रुता फैलाना (5 वर्ष तक की सजा)
स्थानीय धार्मिक स्थल संरक्षण अधिनियम – यदि राज्य स्तर पर लागू हो
मंदिरों में मांस व शराब का सेवन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत आपत्तिजनक और आपराधिक माना जाता है। इस प्रकार के कृत्य न केवल सांप्रदायिक तनाव को जन्म देते हैं, बल्कि समाज में अस्थिरता भी पैदा कर सकते हैं।
प्रशासन की अगली चुनौती
प्रशासन को चाहिए कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कर उचित धाराओं के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया जाए, जिससे भविष्य में कोई इस प्रकार की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।




