*पाकिस्तान का सपोर्ट करके तुर्किए और अजरबैजान फंसे बुरे,यूपी वालों ने सिखाया सबक*
दीपक धुरिया ब्यूरो चीफ
लखनऊ।ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा नजर आया,लेकिन तुर्किए और अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया।पाकिस्तान ने भारत पर आत्मघाती हमला करने के लिए तुर्किए में बने ड्रोन का इस्तेमाल किया।अब तुर्किए अज़रबैजान के खिलाफ भारत के लोगों में भारी गुस्सा और रोष है।इन देशों में जाने वाले हजारों भारतीयों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं,जिससे इनके पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान पहुंच रहा है।बीते दिनों पहले सिंगर विशाल मिश्रा ने भी इन दोनों देशों में ना जाने और कॉन्सर्ट न करने की कसम खाई थी।
मिली जानकारी के मुताबिक पिछले तीन दिनों में सिर्फ पूर्वांचल से 15000 से ज्यादा पर्यटकों ने अपना टिकट कैंसिल करा लिया है,पिछले साल 37500 लोगों ने इन दोनों देशों की यात्रा की थी,अभी तो तीन दिन का ही ये आंकड़ा है,उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में ये संख्या 25 हजार से 30 हजार के बीच जा सकती है।सबसे बड़ी बात तो ये है कि कॉक्स एंड किंग्स, एसओटीसी और इज माय ट्रिप जैसी ट्रैवेल कम्पनियां और एयर इंडिया सहित कई एयरलाइन्स कंपनी कोई कैंसिलेशन चार्ज भी नही ले रही हैं।वाराणसी,गोरखपुर, आजमगढ़,मऊ श्रावस्ती और बहराइच से ज्यादा लोग तुर्किए और अज़रबैजान की यात्रा पर जाते हैं। तुर्किए और अजरबैजान से लगभग दस हजार से ज्यादा पर्यटक वाराणसी आते हैं।
ऑपरेशन सिन्दूर का असर वहां से आने वाले पर्यटकों पर कैसा पड़ा ये टूरिज़्म सीजन में ही पता चलेगा, जो कि अक्टूबर से मार्च के बीच होता है।तुर्किए और अज़रबैजान की जीडीपी का दस फीसदी हिस्सा पर्यटन से आता है।अजरबैजान में तो सत्तर फीसदी पर्यटक भारत से जाते हैं,अजरबैजान की राजधानी बाकू बहुत तेजी से बैंकाक की जगह लेते जा रहा है। पाकिस्तान का साथ देने की कीमत टर्की से ज्यादा अजरबैजान को चुकानी पड़ेगी।




