कलपी में वन विभाग की लापरवाही उजागर, पेड़ों की सुरक्षा और जल प्रबंधन व्यवस्था बेहाल।

ब्यूरो चीफ जालौन – शैलेन्द्र सिंह तोमर
कलपी (जालौन)। स्थानीय वन विभाग की लापरवाही से क्षेत्र का वन क्षेत्र तेजी से बर्बादी की ओर बढ़ रहा है। पेड़ों की देखरेख न होने और जल प्रबंधन के अभाव में वन क्षेत्र उजड़ता जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि वन्य जीव भी संकट में हैं।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि कई स्थानों पर लगाए गए पौधे उचित देखभाल के अभाव में सूख चुके हैं। विभागीय अधिकारी केवल औपचारिकता निभाने में लगे हैं, जबकि जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं दिखता।
अब जंगलों में केवल विलायती बबूल जैसे कम उपयोगी और जैव विविधता के लिए हानिकारक पेड़ ही बचे हैं। छायादार, फलदार और औषधीय वृक्षों की भारी कमी है। इससे वन्य जीवों को आश्रय और भोजन की गंभीर कमी हो रही है।
जंगलों में शीशम और खैर जैसे उपयोगी वृक्ष अब लगभग समाप्त हो चुके हैं। पानी के प्राकृतिक स्रोत सूख चुके हैं और वन्य जीवों के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
पर्यावरणविदों का मानना है कि यदि समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में वन क्षेत्र पूरी तरह खत्म हो सकता है। वन्य जीवों की रक्षा और पर्यावरण संतुलन के लिए छायादार वृक्षों का बड़े स्तर पर रोपण और नियमित देखरेख जरूरी है।
स्थानीय लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्क्रियता पर नाराजगी जताते हुए शासन से कार्रवाई और सुधार की मांग की है।




