*कानपुर में खूंखार कुत्तों का आतंक,लगातार हो रही है अप्रिय घटनाएं*
टाइम्स एंड स्पेस न्यूज
कानपुर-जहाँ एक तरफ कानपुर को औद्योगिक नगरी कहा जाता था वही दूसरी तरफ अब ये आवारा कुत्तों के आतंक का गढ़ बन गया है।
रात में तो सड़क पर पैदल या बाइक से चलना बहुत मुश्किल हो जाता हैं बाइकसवार और साइकिल सवारों पर कुत्ते हमलावर हो जाते हैं।
सड़कों पर घूम रहे बेसहारा कुत्ते अब खूंखार हो गए हैं जिनका आतंक अब बढ़ता ही जा रहा है।
ये खूंखार कुत्ते लोगों पर हमलावर हो चुके हैं।
बेकनगंज,चमनगंज नई सड़क,बाँसमण्डी,घंटाघर लगभग समस्त कानपुर में कुत्तों का आतंक जारी है प्रतिदिन इन खूंखार कुत्तों का कोई न कोई शिकार बनता रहता है रात में जब लोग बाइक से निकलते हैं ये खूंखार कुत्ते उनके पीछे काटने के लिए दौड़ते है जिससे बचने के प्रयास में लोगो का एक्सीडेंट भी हो जाता है।
बेकनगंज,चमनगंज,बाँसमण्डी, लाटूश रोड,घंटाघर,शास्त्रीनगर, विष्णपुरी, आजादनगर, बर्रा समेत कई इलाकों में पिछले दिनों कुत्तों के आतंक से लोग परेशान है कई लोगों को काट चुके है।
रात को बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं घर से निकलने को डरती है।लगातार ये कुत्ते किसी न किसी को घायल कर रहे है।
वर्तमान में स्थिति यह है कि शहर की हर गली, सड़क, सरकारी दफ्तर, पार्क अपार्टमेंट स्कूल के बाहर कुत्तों का झुंड नजर आ जाएगा। पाश इलाके भी कुत्तों के आतंक से अछूत नहीं है। तिलक नगर आर्य नगर, स्वरूप नगर, दर्शनपुरवा, रामबाग, मरियमपुर, रामकृष्ण नगर, गांधी नगर, जवाहर नगर, ईदगाह, परेड चौराहा, परमट, फेथफुलगंज, छपेड़ापुलिया, नमक फैक्ट्री चौराहा आदि क्षेत्रों में कुत्तों का आतंक है।
स्थिति यह है कि अब तो नगर निगम भी नतमस्तक है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कुत्तों का बंध्याकरण कराके पकड़े गए स्थान पर छोड़ देता है।
आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2023 तक एक लाख कुत्तों में 19 हजार कुत्तों का बंध्याकरण हो पाया था यदि यही स्थिति रही तो 10 साल में बंध्याकरण हो पाएगा।और लोग लगातार इन खूंखार कुत्तो का शिकार बनते रहेंगे।
अब सोचने का विषय ये हैं कि क्या ज़िम्मेदार लेंगे इस गम्भीर मुद्दे पर संज्ञान या फिर लोग यूँही होते रहेंगे कुत्तों के कारण अप्रिय घटनाओं का शिकार? टाइम्स एंड स्पेस न्यूज ब्यूरो चीफ कानपुर अशरफ जमाल रिपोर्ट