दिनों के आदेश, 15 दिन बीतने के बाद भी नही हुआ सडकों के पैचवर्क का कार्य
Û विभागीय अधिकारियों की हीलाहवाली से काम में हो रही देरी, साबह भूल गये कार्यवाई की बात
Û शहर के किनारे के क्षेत्रों की सडकों में बडे-बडे गडढे, होती रहती है दुघर्टनाये, राहगीर होते है चुटहिल
Û कई स्थानों पर गिट्टी बिछाकर विभागयी कर्मचारी हुए गायब, रास्ते हुए खतरनाक
कानपुर नगर, सरकारी कोई भी हो और जनता को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए सख्त हो, लेकिन कार्य तो नीचे के अधिकारियों और कर्मचारियों को ही करना होता है और सरकारी विभाग के कार्य किस प्रकार होते है यह किसी से छिपा नही है। वर्तमान में शहर और उसके किनारे के क्षेत्रों में सडकों की दुर्दशा है। सडकों पर जहां बडे-बडे गडढे है तो कहीं गिट्टियां बिछाकर कर्मचारी गायब हो गये है और आधा-अधूरा काम अब राहगीरों के लिए खतरा बन चुका है।
बतातें चलें कि खराब सडकों पर पैचवर्क के लिए नगर आयुक्त द्वारा बीते माह निर्देश जारी करते हुए कहा गया था कि सात दिनों के अंदर पैचवर्क का काम पूरा करा लिया जाये। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने अभी तक हुए 40 प्रतिशत पैचवर्क के कार्यो पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जोनल अभियंताओं को यह आदेश दिया था कि यदि सात दिनों में पैचवर्क नही हुआ तो कार्यवाई की जायेगी। इस आदेश के आज 15 दिन से ज्यादा हो गये है लेकिन सडकों पर अभी भी पैचवर्क का काम नही किया जा रहा है। सबसे बुरी दशा कानपुर के किनारे के क्षेत्रों की है, जहां आबादी अधिक है लेकिन सडकों की बडी दुर्दशा है। आये दिन सडकों पर वाहन चालक और राहगीर चुटहिल होते है। न्यू आजाद नगर बाजार, सतबरी, यशोदानगर रोड, गंगापुर रोड सहित सभी क्षेत्रों में गडढायुक्त सडकें खतरनाक हो चुकी है। जिन सडको के गडढों पर गिटटी भरी जा चुकी है वहां अभी तक पैचवर्क नही किया जा रहा है। न्यू आजाद नगर से भीम चौराहा जाने वाली सडक पर गडढो में गिटटी डालकर कर्मचारी पैचवर्क का पूरा कार्य करना शायद भूल गये और मोड होने के कारण इस सडक पर रोजाना हादसे होते रहते है। अब देखना यह है कि कम आम जनता की समस्या को नगर आयुक्त पुनः संज्ञान में लेंगे और पैचवर्क का कार्य समयावधि में पूर्ण न कराने वाले अधिकारियों और न करने वाले कर्मचारियों पर क्या कार्यवाई करेंगें।
संवाददाता
हरिओम की रिपोर्ट