कानपुर
कानपुर रेलवे सेंट्रल स्टेशन बना अतिक्रमण एवं अवैध वेंडरों का अड्डा।आरपीएफ थाना प्रभारी उच्च अधिकारियों की आंखों में झोंक रहे धूल कर रहे गुमराह।
कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन पर स्टेशन प्रशासन एवं आरपीएफ की कानून व्यवस्था ध्वस्त है।अतिक्रमण अराजकता एवं अवैध वेंडरिंग अपनी चरम स्थिती में है चाहे कितनी भी शिकायतें हो खबर लिखी जाए पर चल फिर के एक ही हाल ढाक के तीन पांत ,तमाम ट्वीट एवं ख़बरों के प्रकाशित होने के बाद भी *देख कर अनदेखा कर देते है आरपीएफ के थाना प्रभारी -बुद्ध पाल सिंह* ,रेलवे प्रशासन को नहीं दिख रहा है,सिटी साइड रेलवे परिसर का अतिक्रमण,सेंट्रल स्टेशन परिसर के अंदर प्लेटफार्म पर अवैध तरीके से कब्जा करके संचालित हो रही है दुकानें।
दुकानदारों एवं अवैध वेंडरों के अनुसार आरपीएफ और जीआरपी द्वारा सुविधा शुल्क के माध्यम से संचालित होती है दुकानें,आखिर तमाम वीडियो वायरल होने के बाद भी कैसे संचालित हो रही अवैध दुकाने और कैसे काम कर रहे अवैध वेंडर सवाल उठना लाजमी है ? क्योंकि भृष्टाचारियों के हौसले बुलंद है?अवैध वेंडर,अवैध दुकानों पर कार्यवाही कब होगी यह पता नहीं है? क्योंकि अभी भी लगी है अवैध दुकाने, उच्च अधिकारियों की आँखों में धूल झोंकने को कल ट्वीट के बाद कुछ देर के लिए परिसर खाली करा के फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी करा के उच्च अधिकारियों को भेजा कानपुर सेन्ट्रल पर तैनात जिम्मेदार स्थिती जस की तस मेट्रो के काम में लगी हैवी क्रेन का उक्त अतिक्रमण के कारण निकलना मुश्किल वीडियो भी हो रहा वायरल ,पर जिम्मेदार मलाई काटने में व्यस्त अधिकारी ट्वीटर पर जवाब एवं आदेश दे दे पस्त, सब गोलमाल है और तो और पूरी की पूरी काली दाल है यहां तो एक बात चरितार्थ है जब सैया कोतवाल तो डर कहे का……….
*सूत्रों की माने तो दुकानों के संचालन के अवैध लाइसेंस देने एवं उक्त अवैध दुकानों और वेंडरों से प्रतिदिन वसूली का सारा जिम्मा आरपीएफ सिपाही एवं इंस्पेक्टर के कारखास रंगधार राठौर के जिम्मे
*आगे सम्पूर्ण खुलासे की खबर देखने के लिए जुड़े रहिए उमेश भार्गव के साथ………..
संवाददाता
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट