कानपुर बड़े हादसे का इंतजार:पनकी में नहीं रुक रहा नो-एंट्री में भारी वाहनों का आवागमन
टाइम्स एंड स्पेस न्यूज
डिस्टिक हेड राहुल द्विवेदी
कानपुर।कानपुर बड़े हादसे का इंतजार:पनकी में नहीं रुक रहा नो-एंट्री में भारी वाहनों का आवागमन*
कई हादसों के बावजूद चंद रुपयों के लालच में नियमो को ताक पर रख दिन भर फर्राटे भरते भारी वाहन
कुछ दिन पूर्व खबर लिखने पर एक दिन तो शक्ति दिखी परन्तु फिर ढाक के तीन पात
*सूत्रों की माने तो प्रति वाहन तीन सौ रुपये वसूल कर नो-एंट्री में भारी वाहनों की होती एंट्री*
नो-एंट्री में भारी वाहन फर्राटे भरते दिख जाते है वो चाहे अर्मापुर नहर प्वाइंट हो ,पनकी आवास विकास नहर प्वाइंट, शताब्दी द्वार प्वाइंट या भाटिया होटल चौराहे से पनकी स्टेशन मार्ग हो!
*नो-एंट्री में जाते वाहनों से सुविधा शुल्क ले कर एंट्री* की पड़ताल करने पर आम जनता ने नाम न सामने आने की शर्त पर बताया कि कई मर्तबा तो स्वयं ट्रैफ़िक TSI पनकी अर्थात् आम जन की भाषा में दरोगा जी को भाटिया से स्टेशन मार्ग पर पुल के नीचे सुबह सुबह नो-एंट्री में जाते वाहनों से सुविधा शुल्क ले कर एंट्री का परमीशन देते क्षेत्रीय लोगों द्वारा देखा गया है ! इसी पड़ताल में ट्रैफ़िक विभाग के कर्मी ने नाम सामने न आने की शर्त पर एक खुलासा और किया जो सीमेंट के मिक्सचर (ट्रक) दिन भर फर्राटे भरते है इनको कोई इस लिए नहीं रोकता क्यूँ की इसका खर्चा सीधे ट्रैफ़िक प्रभारी अर्थात् ट्रैफ़िक इंस्पेक्टर को जाता है I
अब सोचने वाली बात सीधी सी है जब क्षेत्र के उच्च अधिकारी ही वसूली में लिप्त है तो निचले स्तर पर चंद रुपयों के लालच में मौरंग के ट्रकों को नो-एंट्री में सुविधा शुल्क ले कर एंट्री का परमीशन अगर दे देते है तो बड़ी बात नहीं!
*जल्द अगले भाग में होगा खुलासा किसका कितना हिस्सा और कौन कौन शामिल नो-एंट्री में सुविधा शुल्क ले कर एंट्री का परमीशन के खेल में ?*
*अखिर क्यूँ नहीं होती सख्ती से कार्यवाही भ्रष्ट कर्मियों पर जो चंद कागज के टुकड़ों के लिए नो-एंट्री के आदेश के बावजूद आम जनता की जान को दावं पर लगा देते हैं?*