मुख्यमंत्री भजनलाल का संकल्प: अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को मिले पर्याप्त पेयजल।
विजय कपूर की रिपोर्ट
बीकानेर, 4 मार्च। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का संकल्प है कि प्रदेश के अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को पर्याप्त पेयजल और किसान को सिंचाई पानी मिले। इसके मद्देनजर पिछले सवा साल से जल तंत्र सुदृढ़ीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। पेयजल स्त्रोतों को सुदृढ़ करने के साथ नहरी तंत्र की मजबूती के लिए भी कार्य किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में राज्य के वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में बीकानेर जिले को अनेक सौगातें मिली हैं, जिनसे आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। राज्य के बजट में बीकानेर के लिए अनेक घोषणाएं हुई हैं। इनमें गजनेर लिफ्ट परियोजना व कोलायत लिफ्ट परियोजना के अंतिम छोर के गांवों में पेयजल सुदृढ़ीकरण का कार्य 58 करोड़ 4 लाख रुपए की लागत से करवाया जाएगा। लूणकरणसर क्षेत्र के सात गांवों को नहरी पेयजल से लाभान्वित करने का कार्य 23 करोड़ रुपए की लागत से किए जाएंगे। कोलायत कस्बे व आसपास के गांवों में पेयजल के सुदृढ़ीकरण के कार्यों पर 11 करोड़ 11 लाख रुपए की लागत आएगी।
खाजूवाला के महादेववाली व लूणकरणसर के हापासर व हंसेरा में पाइपलाइन व उच्च जलाशय निर्माण कार्य पर 6 करोड़ 33 लाख रुपए तथा बीकानेर शहर में करमीसर व गेमना पीर रोड, सुजानदेसर में पानी की टंकी व पाइप लाइन संबंधित कार्य 5 करोड़ रुपए की लागत से करवाए जाएंगे। इसी क्रम में बीकानेर सहित 23 शहरों में जल आपूर्ति के कार्य 1 हजार 650 करोड़ की लागत से करवाए जाएंगे। शहरी जल योजना श्रीडूंगरगढ़ के सुदृढ़ीकरण कार्यों पर 80 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।ग्रामीण योजना लूणकरणसर को शहरी जल योजना में क्रमोन्नत करने का कार्य 40 करोड़ 64 लाख रुपए की लागत से किया जाएगा। पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नापासर में 27 करोड़ रुपए व देशनोक में 9 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न कार्य किए जाएंगे। पूगल में अधिशाषी अभियंता (जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग) कार्यालय की स्थापना की जाएगी।इस प्रकार बजट घोषणाओं के कार्यों का क्रियान्वयन होने से अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को राहत मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा इन सभी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करवाया जाएगा। जिला स्तर पर भी जिला कलेक्टर द्वारा इनकी नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।
[05/03, 18:09] cityexpressnews in: भेड़-बकरी पालन प्रशिक्षण के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू।
विजय कपूर की रिपोर्ट
बीकानेर।डेयरी विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी महाविद्यालय, बीकानेर और सुमंगलम जन कल्याण ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान से तीन दिवसीय 10 मार्च से 12 मार्च 2025 तक व्यवसायिक भेड़ एवं बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। ट्रस्ट के गजेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले राजस्थान के किसी भी जिले के निवासी जो आवेदन ऑनलाइन लिंक https://forms.gle/Bw9eDpaBJAhSCKXU9 द्वारा दिनांक 09 फ़रवरी तक किया जा सकता है | इसमें सीमित सीटें उपलब्ध हैं, पहले आवेदन करने वाले को पहले प्रवेश दिया जाएगा । प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों, पशुपालकों और उद्यमियों को वैज्ञानिक एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण से भेड़ और बकरी पालन की जानकारी प्रदान करना है। इसमें राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) के तहत सरकारी सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया, व्यावसायिक मॉडल DPR (Detailed Project Report) की जानकारी, विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी एवं व्यावहारिक सत्र तथा प्रमाण पत्र वितरण शामिल होगा। NLM योजना के तहत सरकार द्वारा 50% तक की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक सहयोग मिलेगा और वे अपने व्यवसाय को और अधिक सफल बना सकेंगे। बीकानेर में डेयरी विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी महाविद्यालय डीन प्रो डॉ राहुल पाल सिंह ने बताया की बकरी और भेड़ पालन देश के ग्रामीण क्षेत्रों में एक स्थायी और लाभदायक व्यवसाय के रूप में उभर रहा है। यह किसानों के लिए एक नियमित आय का स्रोत बन सकता है, खासकर उन इलाकों में जहां भूमि की उपलब्धता सीमित होती है। बकरी और भेड़ पालन में कम लागत में अधिक मुनाफा मिलता है क्योंकि इनके पालन के लिए ज्यादा पूंजी की जरूरत नहीं होती।
मुख्यमंत्री भजनलाल का संकल्प: अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को मिले पर्याप्त पेयजल
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