दिल्ली में भाजपा की सत्ता वापसी पर बी.एस.पी. की तीखी प्रतिक्रिया, मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा की करारी हार पर उठाए सवाल
लखनऊ(आरएनएस ), दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जनता ने ‘हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर की’ के तर्ज़ पर भाजपा को सत्ता सौंप दी है। अब केन्द्र की भाजपा सरकार का उत्तरदायित्व बनता है कि वह दिल्ली की लगभग दो करोड़ जनता से किए गए जनहित और जनकल्याण के वादों और गारंटियों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से जल्द से जल्द पूरा करे। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आम लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो, ताकि ‘अच्छे दिन’ की उम्मीदें पूरी हो सकें। खासकर गरीब और मेहनतकश वर्ग के लिए जीवन को थोड़ा बेहतर बनाना ज़रूरी है और इसके लिए सबसे पहले दिल्ली को रहने योग्य बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। यमुना की सफाई, वायु प्रदूषण से मुक्ति और अन्य बुनियादी समस्याओं का समाधान अब सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। मायावती ने इस चुनाव परिणाम को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की विफलता का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि आप सरकार और केन्द्र की भाजपा सरकार के बीच लगातार संघर्ष, टकराव और राजनीतिक द्वेष के कारण दिल्ली का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया, जिसका सबसे अधिक खामियाजा गरीब, मेहनतकश और अप्रवासी लोगों को उठाना पड़ा। अब जब भाजपा को दिल्ली की जनता ने मौका दिया है, तो केन्द्र सरकार की विशेष जिम्मेदारी बनती है कि वह जनता से किए गए तमाम वादों और गारंटियों को पूरी ईमानदारी से निभाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके और दिल्ली को एक स्वच्छ, स्वस्थ और रहने योग्य राजधानी बनाया जा सके।उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की करारी हार पर भी बी.एस.पी. सुप्रीमो ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यूपी में हुए इस उपचुनाव में सपा अपनी ही सीट नहीं बचा सकी और उसे 61,710 वोटों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बी.एस.पी. ने चुनावी गड़बड़ी के खिलाफ अपना कड़ा रुख अपनाते हुए उपचुनाव में हिस्सा नहीं लिया, तो सपा को इतनी करारी हार क्यों मिली? उन्होंने कहा कि पिछली बार सपा ने अपनी हार का ठीकरा बी.एस.पी. पर फोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन इस बार सपा को जनता के सामने खुद जवाब देना होगा कि आखिर उनकी पराजय की असली वजह क्या रही।उन्होंने अम्बेडकरवादी विचारधारा से जुड़े लोगों से निराश न होने की अपील की और कहा कि जातिवादी पार्टियां इस संघर्ष को कभी भी सफल नहीं होने देंगी, लेकिन बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर बी.एस.पी. के बैनर तले मजबूती से आगे बढ़ना ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां बी.एस.पी. शासन में हर वर्ग को न्याय और विकास मिला।इसके साथ ही उन्होंने गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों, मुस्लिमों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों से अपील करते हुए कहा कि भाजपा, कांग्रेस और सपा जैसी जातिवादी पार्टियां उनके हितैषी नहीं हैं, बल्कि शोषण करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी वर्गों का हित सिर्फ और सिर्फ अम्बेडकरवादी बी.एस.पी. और उसकी सरकार में ही सुरक्षित रह सकता है। उन्होंने दिल्ली की जनता से भी राजनीतिक जागरूकता बनाए रखने और भाजपा सरकार को उनके वादों और गारंटियों पर अमल करने के लिए जवाबदेह बनाने की अपील की।
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