राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय ने मर्सी परीक्षा आयोजन में अर्जित की उपलब्धि। आरटीयू छात्रों को प्रदान कर रहा है ।
विजय कपूर की रिपोर्ट
कोटा, 18 जनवरी, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के परीक्षा विभाग द्वारा कुलपति प्रो. एसके सिंह की नवाचार की संकल्पना के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप प्रभावी परीक्षा प्रणालियों का संचालन करते हुए उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की है। आरटीयू के सह जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि माह 1 अक्टूबर से 13 दिसंबर 2024 तक 55 दिनों मे आरटीयू के परीक्षा विभाग ने परीक्षा नियंत्रक डॉ विवेक पांडे के निर्देशन में बीटेक, बीआर्क, एमटेक, एमबीए सहित एमसीए पाठ्यक्रम के पंजीकृत 2138 विद्यार्थियों के समस्त 438 पेपरों की परीक्षाओं का निर्बाध आयोजन कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि आरटीयू के परीक्षा विभाग की छात्रों को न्यायसंगत और समयबद्ध तरीके से परीक्षा में शामिल होने का स्वर्णिम अवसर प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा मर्सी परीक्षाओं का सफलतापूर्वक संचालन का यह प्रयास न केवल छात्रों के लिए एक बड़ी राहत प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें अपने अकादमिक भविष्य को बेहतर बनाने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा नियंत्रक और उनकी टीम ने जिस तत्परता और समर्पण से इस कार्य को संपन्न किया है, वह सराहनीय है। हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप परीक्षा प्रणालियों में सुधारात्मक बिंदुओं का समावेश कर तकनीकी शिक्षा पाठ्यक्रम को समय पर पूर्ण करने हेतु विद्यार्थियों को राहत प्रदान कर रहे है। हमें यह गर्व है कि हमने छात्रों को डिग्री पाठ्यक्रम पूरा करने का एक न्यायसंगत अवसर प्रदान किया है ताकि छात्रों में आत्मविश्वास विकसित किया जा सके। परीक्षा नियंत्रक प्रो. विवेक पांडे ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप परीक्षा प्रक्रिया के सशक्तिकरण की दिशा में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. एसके सिंह के निर्देशन में नित-नवीन आयाम स्थापित कर रहा है। मर्सी परीक्षा उन छात्रों के लिए निर्धारित की गई थी जो पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित अवधि एवं अनुज्ञात अवसरों में अपने बकाया पेपर उत्तीर्ण नहीं कर पाए ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों के हितों की प्राथमिकता सुनिश्चित करते हुए उन्हें तकनीकी शिक्षा में उज्जवल भविष्य के निर्माण का अवसर प्रदान किया है।