बिना मान्यता के संचालित मिले चार स्कूल, बीएसए ने कराए बंद
कानपुर देहात। जिले में विभाग की सांठगांठ से लंबे समय से बिना मान्यता स्कूल संचालित हो रहे है। शासन से हुई समीक्षा के बाद अब जिले स्तर पर लगातार शिकंजा कसते हुए कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार को बीएसए ने निरीक्षण कर बिना मान्यता के चार स्कूल संचालित होते पाए। स्कूल की छुट्टी कराने के बाद विद्यालय बंद कराए हैं। साथ ही मान्यता संबंधी अभिलेख दिखाने व जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में मानक विहीन स्कूलों संचालन कर शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सब कुछ जानते हुए भी खंड शिक्षा अधिकारी अनजान है। लगातार हो रही समीक्षा व जिले के परिषदीय स्कूलों में गिरती छात्र संख्या भी यही एक बड़ी वजह भी है। तमाम ऐसे परिषदीय स्कूल हैं जिनके बच्चे पंजीकरण कराने के बाद पास के प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बीएसए रिद्धि पांडेय ने बताया कि मंगलवार को उन्होंने लिपिक रमेश मिश्रा के साथ अमरौधा व अकबरपुर ब्लॉक के चार स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। बताया कि अकबरपुर ब्लॉक के आरपीएस माडर्न पब्लिक स्कूल नबीपुर में कक्षा एक से आठ तक की कक्षाएं संचालित मिली। जबकि स्कूल द्वारा कक्षा एक से पांच तक के लिए ऑनलाइन मान्यता संबंधित आवेदन किया गया है। मॉडल पब्लिक स्कूल बील्हापुर अमरौधा में कक्षा एक से आठ तक बिना मान्यता के कक्षाएं संचालित मिली। मान्यता संबंधित एक भी अभिलेख संचालक व शिक्षक नहीं दिखा सके। यहां से वह एसएन पब्लिक स्कूल नगर पालिका रोड पुखरायां पहुंची। यहां पर कक्षा एक से आठ की कक्षाएं संचालित मिली। शिक्षक भी अपने कक्षाओं में पढ़ाते मिले। मान्यता संबंधी अभिलेख मांगने पर संचालक नहीं दिखा सकें। इसी तरह सिटी किड्स मांटेसरी स्कूल यादव मार्केट पुखरायां में कक्षा एक से पांच तक बिना मान्यता के कक्षाएं संचालित मिली। बताया कि कुछ स्कूलों में बच्चों से जानकारी की गई। जिसमें बच्चों ने अपना नाम पास के परिषदीय स्कूलों में दर्ज होने की जानकारी दी है। स्कूलों को बंद कराया गया है। साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पूरी तरह कक्षाओं का संचालन बंद करा कर तीन दिन में रिपोर्ट दें
अब जुर्माना वसूलने की होगी कार्रवाई
बीएसए ने बताया कि करीब 15 विद्यालयों को बिना मान्यता संचालित होने पर नोटिस जारी की गई थी। इसमें कुछ के जवाब अभी तक नहीं मिले है और न ही मान्यता संबंधी किसी भी तरह के अभिलेख दिखाए गए हैं। ऐसे विद्यालयों पर जल्द ही एक लाख तक का जुर्माना लगाने के साथ ही अन्य विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
संवाददाता
*सुमित सिंह की रिपोर्ट*