मैं बैरी सुग्रीव पियारा, कारन कवन नाथ मोहिं मारा
भारत मिलाप से बालि वध तक लीलाओं का हुआ मंचन
इहाँ कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं …..
साकेत धाम में धनुष भंग लीला देख रोमांचित हुए दर्शक
उन्नाव। साकेत धाम रामलीला मैदान में राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त श्रीधाम वृंदावन से आए लीला मंडल ने भरत मिलाप से बालि के वध तक की लीलाओं का बड़ा मार्मिक मंचन किया। भरत अपने भइया भाभी और अनुज को मनाने वन के उस भाग में पहुंचते हैं जहां वो वास कर रहे थे। राम ने अपने अनुज को समझाया कि मैं पिताश्री को दिया वचन पूर्ण करके ही अयोध्या वापस आऊंगा। अश्रुपूरित नैनों से भरत अपने भइया की खड़ाऊँ लेकर अयोध्या में सिंघासन पर सजाकर अयोध्या का राजपाट संभालने लगते हैं। लंकेश छल से सीता का हरण करता है। सीता की खोज में सुग्रीव से राम की मैत्री होती है और अपने मित्र की रक्षा के लिए राम बालि का वध करते हैं।प्राण त्यागते त्यागते बालि कहता है मैं बैरी सुग्रीव पियारा कारण कवन नाथ मोहिं मारा। पूजन आरती में अध्यक्ष संजय राठी, महोत्सव संयोजक चंद्र प्रकाश अवस्थी, कोषाध्यक्ष जगदीश माहेश्वरी, मुख्य सेवायत कृष्णप्रिय मोती श्याम, संरक्षक प्रमोद शुक्ला, मीडिया प्रमुख डॉ मनीष सिंह सेंगर, विनोद शर्मा, संजीव गुप्ता राजा, इंदु प्रकाश अवस्थी, मनीष पांडेय, कौशल किशोर यादव, प्रेम मिश्रा , अभ्युदय सेवा संस्थान से डॉ प्रभात सिन्हा, डॉ मनोज श्रीवास्तव, प्रचीन्द्र मिश्रा, शिवम तिवारी राहुल कश्यप, अनिरुद्ध सौरभ, ऋषभ श्रीवास्तव, सहकारी संघ उप सभापति प्रियंका शुक्ला, सुरुचि अग्निहोत्री सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और सहयोगी रहे।
ब्यूरो उन्नाव
पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट