📜 09 अक्टूबर 📜*
*📬 विश्व डाक दिवस (World Post Day) 📬*
‘विश्व डाक दिवस’ (World Post Day) दुनियाभर में 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को स्विट्जरलैंड के बर्न में 1874 ईस्वी में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) (Universal Postal Union- UPU) की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस तिथि को 1969 ईस्वी में जापान के टोकियो में आयोजित यूपीयू कांग्रेस में विश्व पोस्ट दिवस के रूप में आयोजित किये जाने के लिए निर्धारित किया गया था। डाक पद्धति को संचार के सबसे पुराने साधन के रूप में जाना जाता है। दुनिया में यह सेवा काफी लम्बे समय से चली आ रही है। भले ही हमारे पास वर्तमान में संचार के नए साधन उपलब्ध हैं लेकिन संचार पद्धति के लिए यह लोगों को उस समय की याद दिलाता है जब लोग पत्रों का आदान-प्रदान करते थे।
*>> विश्व डाक दिवस कब मनाते हैं? <<*
हर साल 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। यह तारीख बर्न, स्विट्जरलैंड में 1874 में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) की स्थापना की याद में निश्चित की गई है।
*>> विश्व डाक दिवस का इतिहास और महत्व <<*
विश्व डाक दिवस का इतिहास 1840 से पहले का है। इंग्लैंड में, सर रोलैंड हिल ने इस संदर्भ में एक प्रणाली की शुरुआत की थी जिसके माध्यम से पत्रों के पोस्ट किये जाने की शुरुआत की थी, जिस पर शुल्क भी वसूला गया। साथ ही घरेलू स्तर पर किये जाने वाले सभी पत्रों पर दूरी के आधार पर शुल्क लिए जाते थे। साथ ही शुल्क को निर्धारित करने के लिए वजन को भी एक मानक बनाया गया। उसने सर्वप्रथम दुनिया के पहले डाक टिकट की भी शुरुआत की।
1863 में संयुक्त राज्य अमेरिका के पोस्टमास्टर जनरल मोंटगोमरी ब्लेयर नें पेरिस में एक सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें 15 यूरोपीय और अमेरिकी देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया और पोस्टल सेवा से जुड़े कई सारे अहम मुद्दों पर आपसी विचार-विमर्श के बाद कई सामान्य सिद्धांतों को मानने लिए बातचीत की। लेकिन इस सम्मलेन में अंतर्राष्ट्रीय डाक समझौते के लिए कुछ भी स्थापित नहीं किया जा सका था।
बर्न(1874) में हेनरिक वॉन स्टेपहान जो कि उत्तर जर्मन परिसंघ के एक वरिष्ठ डाक अधिकारी थे, ने एक अंतर्राष्ट्रीय डाक यूनियन के लिए एक योजना तैयार की। उनके सुझाव के आधार पर, स्विस सरकार ने 15 सितंबर 1874 को बर्न में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें 22 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
उसी वर्ष 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस की शुरुआत जनरल पोस्टल यूनियन के द्वारा की गई थी। 1878 में, इसका नाम बदलकर यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कर दिया गया। 1874 में हस्ताक्षरित बर्न की संधि ने पत्रों के आदान प्रदान के लिए एक एकल पोस्टल क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय डाक सेवाओं और नियमों को व्यवस्थित करने में सफलता प्राप्त की।