*(1)👉अपराधिक तथा फर्जी अधिवक्ताओं पर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल प्रयागराज अंकुश लगाने में नाकाम*
*(2)👉सूत्रों से हिस्ट्रीशीटर पढ़े लिखों का सुचना है अगर उत्तर प्रदेश में आपराधिक कार्य कर सेव रहना है तो बार काउंसिल प्रयागराज से अधिवक्ता का पंजीकृत कराना है*
*(3)👉पूर्व में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल द्वारा आदेश सभी जिला अधिकारी को जारी हुए थे*
*(4)👉किसी भी जनपद के अधिवक्ताओं पर एक से अधिक मुकदमे दर्ज हो कूटरचित प्रमाण पत्र देकर बार काउंसिल प्रयागराज से आवेदन कराया गया*
*(5)👉आवेदन कर्ता द्वारा दर्ज हुए मुकदमे को छुपा कर झूठा शपथ पत्र दिया है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी*
*(6)👉यहां तक की उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के मेंबरों द्वारा एक मीडिया सेल हर जिले के जनपद के बार एसोसिएशन में बनाया*
*(7)👉आज तक अपराधिक अधिवक्ताओं पर ना जांच ना फर्जी डिग्री लेने वाले पर नही कोई कानूनी कार्रवाई*
*(8)👉उत्तर प्रदेश बार काउंसिल, प्रयागराज द्वारा अगर कोई फर्जी या कूट रचित तरीके से अधिवक्ता बनकर विधिक व्यवसाय का दुरुपयोग करता पाया जाता है*
*(9)👉उत्तर प्रदेश सरकार तथा उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन को प्रार्थना पत्र देने पर सुनवाई आखिर क्यों नहीं ??*
*(10)👉उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष उत्तर प्रदेश विशेष सचिव को शिकायत कर्ता ने दिया प्रार्थना पत्र कार्यवाही मौन?*
*(11👉)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी तथा कानून मंत्री को शिकायत कर्ता ने प्रार्थना पत्र दिया कार्यवाही मौन?*
*(13)👉उच्च न्यायालय,इलाहाबाद में एक याचिका 33/2022 दायर कार्यवाही जीरो?*
*(14)👉राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) को शिकायत कर्ता ने प्रार्थना पत्र दिया कार्यवाही मौन?*
*(15)👉उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (UP SLSA) को शिकायत कर्ता ने प्रार्थना पत्र दिया कार्यवाही मौन?*
आज मैं बात करता हूं आपराधिक तत्व तथा फर्जी अधिवक्ता के संबंध में एक तरफ उत्तर प्रदेश प्रयागराज द्वारा हर जनपद के बार एसोसिएशन को आपराधिक तत्व के अधिवक्ता को चिन्हित कर सूचित करने के आदेश जारी है अगर सच्चाई की बात की जाए तो ऐसे आदेश कई वर्षों से लगातार जारी हो रहे है जो जमीनी स्तर पर सिमटे से दिखाई दे रहे है? सच्चाई की बात करे तो अधिवक्ता समाज विधिक व्यवसाय का दुरुपयोग भी भूमाफिया के साथ लगातार मिलकर कर रहे है? यह भी सूचना है कई अधिवक्ताओं पर गैंगस्टर एक्ट कई संगीन धाराओं में मुकदमे भी पंजीकृत है जारी के आदेश में यह भी पारित किया है कि अगर किसी भी अधिवक्ताओं पर एक से अधिक मुकदमे संगीन धाराओं में पंजीकृत हैं ऐसे अधिवक्ताओं पर कठोर कार्रवाई की जाएगी सच्चाई पर नजर डाली जाए तो बार काउंसिल उत्तर प्रदेश प्रयागराज अगर हर जनपद बार एसोसिएशन में पंजीकृत अधिवक्ताओं की निष्पक्ष जांच करा ले तो आधे से ज्यादा अधिवक्ता अपराधिक तथा फर्जी पाए जाएंगे और ऐसे भी अधिवक्ता है जो फर्जी डिग्री डॉक्यूमेंट कूटरचित बनाकर काले कोर्ट का दुरुपयोग कर रहे है??और ऐसे भी अधिवक्ता है जो बगैर सीओपी के वकालत नामा लगाकर मुकदमे न्यायालय में दाखिल कर रहे हैं बार काउंसिल प्रयागराज को लगातार सूचना इस संबंध में प्राप्त होने पर कानपुर नगर के बार मेंबरों को आदेश दिए है इस तरह के अधिवक्ता पर रोक लगा चिन्हित का सूचित करे उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के मेंबरों द्वारा एक मीडिया सेल बनाया परंतु आज तक किसी भी आपराधिक तत्व के अधिवक्ता या फर्जी अधिवक्ता पर ना तो कार्रवाई हुई ना कि गई अब सवाल सबसे बड़ा खड़ा है बार काउंसिल के आदेश जारी है?? ऐसे अधिवक्ता पर कार्यवाही क्यों नही की क्यों ऐसा हो रहा है?? बार काउंसिल प्रयागराज ऐसे आपराधिक तत्व के अधिवक्ता तथा फर्जी अधिवक्ताओं को क्या संरक्षण दे रहा है या कार्य किया जा रहा है अंकुश लगाने में नाकाम क्यों?? यह सब बातें सवालों के गंभीर घेरो में कैद??
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