सीसामऊ विस के मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा ने अलग थलग डाल
॰ मुस्लिम बाहुल्य 100 बूथों को नजरअंदाज करना भाजपा को महंगा पड़ सकता
॰ 2022 विस, 2024 लोस चुनाव में सिखों के वोटों को लेकर अनुमान गलत हुआ
॰ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में भाजपा की सरगर्मी नहीं होने से सपा-कांग्रेस की चहलकदमी बढ़ी
जमीर सिद्दीकी, कानपुर
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है, भाजपा ने चुनाव की तैयारियां भी शुरु कर दी हैं लेकिन अभी तक भाजपा मुस्लिम क्षेत्र को नजरअंदाज कर रही है जबकि सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में 100 ऐसे बूथ हैं जो मुस्लिम क्षेत्रों में हैं और इनमें 50 बूथ ऐसे हैं जो भाजपा के माथे पर पसीना लाने के लिए काफी हैं।
गुरुवार को भाजपा उप चुनाव को लेकर अपनी टीम के पेंच कसने में जुटी रही। भाजपा गैर मुस्लिम क्षेत्रों में अपनी पैठ बनाने में जुटी है लेकिन मुस्लिम क्षेत्र को बिल्कुल दरकिनार कर रखा है जिसका पूरा लाभ सपा-कांग्रेस गठबंधन को मिलना तय है क्योंकि इससे पूर्व 2022 में विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुसलमानों का 8 प्रतिशत वोट मिला था लेकिन उसके बाद भी उप चुनाव में मुसलमानों को किनारे रखा गया है, भाजपा का तर्क ये है कि मुसलमानों ने लोकसभा चुनाव में उन्हें वोट नहीं दिया। इसके पीछे की सच्चाई ये है कि भाजपा ने जिन मुसलमानों को पार्टी में बड़े बड़े पद देकर मुसलमानों के बीच भेजने की बात की थी, वह सब हवा हवाई था जिसका नतीजा ये रहा कि मुस्लिम मतदाता भाजपा की ओर तनिक भी नहीं मुड़ा।
बताते चलें कि सीसामऊ विस क्षेत्र में कुल मतदाता लगभग 1 लाख 75000 हैं इनमें 100 बूथ मुस्लिम क्षेत्रों में हैं। इस विधानसभा में वैसे तो 21 वार्ड हैं लेकिन 17 वार्ड पूरे के पूरे सीसामऊ विधानसभा में हैं जबकि अन्य 4 वार्ड का काफी बड़ा भाग दूसरी विधानसभा में आता है। कई दिनों से भाजपा मंथन कर रही है कि इस सीट पर किसको आजमाया जाये लेकिन अभी कोई तय नहीं हो पाया है। अब तक पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रामदेव शुक्ला, सीसामऊ से 2022 में भाजपा प्रत्याशी रहे सुरेश अवस्थी समेत दर्जनों लोग टिकट की लाइन में हैं। यदि देखा जाये तो 2022 में यूपी विस चुनाव, 2024 में लोकसभा चुनाव में सिखों से जो उम्मीद भाजपा ने लगा रखा था, पार्टी को झटका ही लगा है।
उधर मैदान खाली और मौका देख बीते दिनों पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी अपनी पत्नी राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला चमनगंज स्थित एक गेस्ट हाउस में पहुंचे थे और मुसलमानों को एकत्र करके ये पैगाम दिया था कि पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी सीसामऊ से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं, लिहाजा मुसलमान उन्हें जिताएं।
इंसेट…
भावनात्मक वोट जान सपा-कांग्रेस खामोश
सीसामऊ उप चुनाव को लेकर सपा-कांग्रेस के मध्य कोई हलचल देखने को नहीं मिल रही है, उसके पीछे का कारण ये है कि उन्हें पता है कि सीसामऊ विस बीते कई दशक से सपा के पास है और इस बार भी विधायक हाजी इरफान सोलंकी के जेल में होने का पूरा भावनात्मक लाभ मिलेगा।
ब्यूरो कानपुर
असरफ जमाल की रिपोर्ट