प्राइवेट बसों से बर्बादी के कगार पर पहुंचा रोडवेज, सड़कों पर उतरेंगे अधिकारी ।
॰ सिर्फ आगरा रूट पर फुल यात्री लेकर दौड़ रही 170 से अधिक प्राइवेट बसें
॰ रोडवेज की लगभग 140 बसों को नहीं मिल रहे यात्री, खाली दौड़ने को मजबूर
कार्यालय संवाददाता, कानपुर
अमृत विचार। प्राइवेट बसों के कारण उत्तर प्रदेश परिवहन निगम बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है, अपना अस्तित्व बचाने के लिए परिवहन विभाग आरटीओ प्रवर्तन के साथ सड़कों पर उतरेगा।
परिवहन विभाग ने एक सर्वे कराया तो पता चला कि सिर्फ आगरा रुट पर 170 से अधिक प्राइवेट बसें दौड़ रही हैं, जिस प्रकार रोडवेज बसों का स्टापेज होता है, उसी प्रकार प्राइवेट बसों ने भी कस्बों से लेकर गांवों तक में स्टापेज बनाकर वहां अपने कार्यकर्ता को लगा दिया है। ऐसे में परिवहन की बसों को सवारी नहीं मिल रहे हैं। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक कानपुर परिक्षेत्र अनिल कुमार ने बताया कि संभागीय परिवहन अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से अभियान चलाया जा रहा है, उन्होंने बताया कि रोडवेज बसों को सवारियां नहीं मिल रही हैं, इसके पीछे प्राइवेट बसों के साथ साथ बारिश से भी यात्री नहीं मिल रहे हैं।
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परमिट खोलेगा रूट का राज
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभात चौधरी ने बताया कि कई ऐसी प्राइवेट बस हैं जिनका परमिट दूसरे रुट का है लेकिन दौड़ किसी दूसरे रुट पर रही हैं।
उन्होंने कहा कि जिस रूट पर अधिक सवारी होती हैं, उन्हीं रूट पर प्राइवेट बसें दौड़ती रहती हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी डग्गामार बस को बख्शा नहीं जाएगा और आरटीओ के साथ संयुक्त रूप से अभियान चलाकर उन्हें सीज करने का काम शुरु कर दिया गया है।
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18 प्राइवेट बसें सीज, सात का चालान
संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन विदिशा सिंह, एआरटीओ डीके सिंह, एआरटीओ अंबुज भास्कर, कहकशां खातून, दीपक कुमार आदि ने मार्गों पर घेराबंदी करके बसों के खिलाफ अभियान चलाया।
शुक्रवार को चलाए गए अभियान में 18 प्राइवेट बसों को सीज किया गया जबकि सात बसों का चालान किया गया। चेकिंग के दौरान कई चालक और बस का स्टाफ बस छोड़कर भाग खड़े हुए।
ब्यूरो कानपुर
असरफ जमाल की रिपोर्ट