ऊसर धान की प्रजाति का हुआ प्रदर्शन
कानपुर नगर, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा निकरा परियोजना अंतर्गत ऊसर सहनशील धान की प्रजाति सीएसआर 46 का प्रदर्शन कृषकों के खेतों में कराया गया।
इस अवसर पर मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने बताया कि धान की ऊसर मिट्टी हेतु सीएसआर 46 प्रजाति ज्यादा उपयुक्त है। यह धान की प्रजाति 120 से 135 दिनो में पककर तैयार हो जाती है। डॉक्टर खान ने उपस्थित कृषकों को सलाह दी की ऊसर भूमियों में 100 से 120 किलोग्राम नाइट्रोजन तथा 60 किलोग्राम फास्फोरस एवं 35 से 40 किलोग्राम पोटाश अवश्य प्रयोग करें। जबकि 10 से 12 टन सड़ी हुई गोबर की खाद भी खेत में समान मात्रा में मिला देने से मृदा के भौतिक स्तर में सुधार होता है। उन्होंने कहा है कि इससे धान की बालियों की मोटाई बढ़ जाती है और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है।उन्होंने किसानों को सचेत किया कि धान की फसल में दाना बनने के बाद उर्वरक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।इस अवसर पर एसआरएफ शुभम यादव, प्रगतिशील कृषक सर्वेश कुमार, सत्येंद्र, कुलदीप, चरण सिंह एवं अमन कुमार सहित कई किसान उपस्थित रहे ।
ऊसर धान की प्रजाति का हुआ प्रदर्शन
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