*कानपुर ब्रेकिंग:-*
*भर्ती प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज खोलेंगे राज, DIOS को नोटिस जारी कर मांगा गया जवाब*
कानपुर में फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में गुरुवार को मामले में गिरफ्तार किए गए माध्यमिक शिक्षा सेवा भर्ती चयन बोर्ड के दो संविदा कर्मियों व एक सेवानिवृत कर्मी समेत पांच लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया। इसके बाद विवेचक ने डीआईओएस को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत नोटिस जारी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े सवालों के जवाब व दस्तावेज मांगे हैं। इन दस्तावेजों से पुलिस पता करेगी कि किस-किस स्तर पर अफसरों और कर्मियों ने मनमानी की है। फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला मामला 26 अक्तूबर 2023 को सामने आया था। एडी माध्यमिक शिक्षा की फर्जी ईमेल आईडी बनाकर डीआईओएस को नौ फर्जी शिक्षकों की भर्ती के लिए नाम का पैनल भेजा गया था। इन्हें विभिन्न कॉलेजों में नियुक्त कर दिया गया था। इनमें विनीता का वेतन भी उनके खाते में आहरित हो गया था। इसी दौरान एक शिकायती पत्र पर मामले की जांच हुई तो ज्वाइंट डायरेक्टर माध्यमिक शिक्षा ने डीआईओएस प्रथम से सत्यापन कराया। इस पर प्रवक्ताओं की भर्ती फर्जी मिली। जिला विद्यालय निरीक्षक की तहरीर पर 29 अप्रैल को कर्नलगंज थाने में इस मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई। प्रकरण की विवेचना के लिए एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई थी।
*विभिन्न बिंदुओं से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं:-* सूत्रों के मुताबिक, विवेचक ने शुक्रवार को डीआईओएस से विवेचना से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। इसमें पूरी भर्ती प्रक्रिया, ई-मेल कैसे और किसके आदेश पर तैयार होता है, फिर डीआईओएस कार्यालय को भेजने की क्या प्रक्रिया है समेत विभिन्न बिंदुओं से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं। इसके बाद पता चल सकेगा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में चयन बोर्ड से डीआईओएस कार्यालय स्तर तक किस-किस तरह पर नियमों को ताक पर रखकर मनमानी की गई।
*महाराजगंज, मिर्जापुर, प्रयागराज व वाराणसी गईं टीमें:-* मामले में 20 और लोगों के नाम सामने आए हैं। इनमें नौ अभ्यर्थी हैं, जिन्हें हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे मिल चुका है, लेकिन 12 लोग की तलाश में पुलिस की चार टीमें महाराजगंज, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी रवाना हुई हैं। इनमें डीआईओएस कार्यालय में तैनात रहे तत्कालीन एक अफसर, चयन बोर्ड के कर्मचारी, कानपुर डीआईओएस कार्यालय के कर्मचारी और कुछ माफिया शामिल है।
*माफिया ने लिया था तीन स्तर पर ठेका:-* शिक्ष माफिया बताए गए आरोपी अभिनव त्रिपाठी ने पुलिस को बताया कि अभ्यर्थी से चयन से वेतन तक आहरित कराने का ठेका लिया था। इसके बाद लिए उसने व दिनेश कुमार पांडेय ने चयन बोर्ड, डीआईओएस कार्यालय व विद्यालय प्रबंधकों तक की चेन तैयार की थी। सेटिंग के लिए वह लोग कई प्रयागराज और कानपुर आए थे।
*दो साल पुराने चरित्र प्रमाण पत्र से कराई गई ज्वाइनिंग:-* सूत्रों ने बताया कि डीआईओएस कार्यालय से विद्यालय स्तर तक चयन बोर्ड से आए ई-मेल से लेकर अभ्यर्थियों की शैक्षिक व चरित्र प्रमाण पत्र की न तो जांच कराई गई और न ही सत्यापन। अभ्यर्थियों के दो साल पुराने चरित्र प्रमाण पर उन्हें ज्वाइनिंग करा दी गई।
संवाददाता
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट