लोकसभा टिकट के लिए सांसद सत्यदेव पचौरी तथा उनकी पुत्री नीतू सिंह आमने-सामने।
कानपुर नगर, लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। चुनाव तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहित लागू हो चुकी है और सभी राजनैतिक दलों ने अपनी-अपनी बिसात बिछाना चालू कर दी है। हर दल अपने ठोस प्रत्यार्शी को टिकट देकर इस समर में उतारना चाहता है। बीजेपी को टक्कर देने के लिए गठबन्धन पूरा प्रयास कर रहा है तो बीजेपी भी पूरा दमखम लगाकर दावेदांरी प्रस्तुत कर रही है। बडी बात तो यह कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान किए गऐ कार्यो को लेकर भाजपा नेता जनता के बीच है और अपनी सरकार की उपलब्धियां बता रहे है। विपक्ष भी यह बखूबी जानता है कि भाजपा मजबूत स्थिति में है। दूसरी तरफ जनता भी लोकसभा चुनाव में मतदान के लए अपना तय विचार बना चुकी है। फिलहाल भाजपा के वर्तमान सांसद सत्यदेव पचौरी तथा उनकी पुत्री नीतू सिंह लोकसभा टिकट के लिए आमने सामने है और दोनो ने ही दिल्ली में डेरा डाल रखा है। देखना यह है कि भाजपा आलाकमान अपने अनुभवि नेता पर पुनः भरोसा दिखाते है या फिर नया चेहरा मैदान में लाना चाहते है।
लोकसभा चुनाव के समय का बिगुल बज चुका है और सभी दल इस रणक्षेत्र में अपना दम-खम दिखाने को तैयार है। हर पार्टी अपने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुके है। वहीं भाजपा जिसे कानपुर-बुंदेलखण्ड क्षेत्र में प्रचण्ड जीत मिलती है यहां भाजपा ने 10 सीटों में नौ पर अपने पुराने योद्धाओं पर ही विश्वास जताया है। इन सबके बीच अभी कानपुर नगर सीट का निर्णय नही हो सका है। बतादें कि वर्तामान सांसद सत्यदेव पचौरी ने एक बार फिर अपनी 75 वर्ष की आयु होने के बादभी पुनः अपने को दावेदार के रूप में सशक्त साबित करके दिखाया और पुनः टिकट के लिए दावेदारी ठोकी है तो वही उनकी पुत्री भी इस बार लोकसभा चुनाव के लिए दावेदारी कर रही है। नीत सिंह संघ घराने की बहू है और उनके ससुर वीरेंद्र जीत सिंह जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में क्षेत्र संघचालक के पर पर थे उन्हे पदमुक्त करते हुए कृष्ण मोहन को क्षेत्र संघचालक का पदभार सौंपा गया है। फिलहाल पिता और पुत्री दोनो ही दिल्ली में है। देखना यह होगा कि भाजपा आला कमान किसे मजबूत स्थिति में मानते है और टिकट देते है। एक ओर भाजपा के पुरान और मंझे नेता सत्यदेव पचौरी है और दूसरी ओर नया चेहरा।
हरिओम की रिपोर्ट