फसल अवशेष व्यथ न जलाकर कंपोट के रूप में हो सकता है प्रयोग।
कानपुर नगर, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौधोगिकी विश्वविधालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा ग्राम कपूरपुर में ब्लाॅक स्तरीय फसल अवषेष प्रबंधन पर कृषक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मृदा वैाानिक डा0 खलील खान ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन को विशष महत्व देना आज की जरूरत है।
उन्होने अपने सम्बोधन में कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन करने से ही मिटटी के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाया जा सकता है। अवशेषों से जो आवश्यक पोषक तत्व फसल को मिलते है उन्ही से रासायनिक उर्वरकों की खपत में कमी लाई जा सकती है, जिससे किसान की खेती में लागत कम करने के साथ साथ स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उच्च गुणवत्ता की फसल पैदा की जा सकती है। उन्होने मृदा जांच के लिए नमूने तैयार करने व उसकी जांच के आधार पर उर्वक डालने के बारे में भी जानकारी दी। केंद्र प्रभारी डा0 अजय कुमार सिंह ने किसानों को कृषि उपकरणों के बारे में जागरूक किया तथा कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जो मशीने तैयार की गयी है उनमें स्ट्राॅ चाॅपर, हैप्पी सीडर, मलचर, सुपर सीडर आदि शामिल है जिससे सुगमता से अगली फसल की बिजाई की जा सकी है। कहा अवशेषों को व्यर्थ में जलाने के बजाय उसमें कंपोस्ट तैयार करें या खेत में मिलाने से फसल उत्पादन में वृद्धि करें।
हरिओम की रिपोर्ट