कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथ जी एवं चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने पर सीएसए में खुशी की लहर
कानपुर नगर, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन एवं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न मिलने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने बताया कि स्वामीनाथ जी को हरित क्रांति में उनके महत्वपूर्ण भूमिका के लिए व्यापक रूप से पहचाना गया जो भारतीय कृषि में परिवर्तनकारी चरण था।
उन्होंने सतत कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने हेतु वर्ष 1988 में एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की भी स्थापना की। कुलपति डॉक्टर सिंह ने बताया कि डॉक्टर स्वामीनाथन केवल एक वैज्ञानिक नहीं थे। वे कुशल नेतृत्वकर्ता थे जिन्होंने कृषक समुदाय के कल्याण की अथक वकालत की। किसान आयोग के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सरकार को राष्ट्रीय किसान कल्याण नीति लाने के लिए राजी किया और किसानों को खेती की लागत पर 50 फ़ीसदी मुनाफा देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान करने की सिफारिश की। उनके योगदान को देखते हुए वे पहले भारतीय थे जो अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान फिलीपींस के महानिदेशक बने।उनका विश्वविद्यालय के शोध/शिक्षण एवं प्रसार गतिविधियों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय योगदान है। इस अवसर पर निदेशक शोध डॉ पीके सिंह, निदेशक प्रसार डॉक्टर आरके यादव, अधिष्ठाता कृषि संकाय डा सी एल मौर्य, कुल सचिव डॉ पीके उपाध्याय एवं सह निदेशक प्रसार डॉक्टर पीके राठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
हरिओम की रिपोर्ट