मौनी अमवस्या कल, घाटों पर उमडेगा श्रृद्धा का सैलाब
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व, पवित्र नदी में स्नान करना होता है फलदायी।
मौनी अमावस्या की सभी तैयारियां पूरी, घाटों पर लगेंगे मेलेकानपुर नगर, भारत देश जितना ही पौराणिक देश है उतनी ही पौराणिक यहां की मान्यताये है। हम भगवान, देव, ऋषी ही नही बल्कि प्रकृति और ईश्वर की हर रचाना को महत्व देते है उसकी पूजा करते है। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना गया है। इस बार कल 9 फरवरी दिन शुक्रवार को मौनी अमावस्या है, जिसे साधारण भाष में माघ पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन सृष्टि के पालनहाल भगवान विष्णु का विशेष पूजन-अर्चन किया जाता है।
कल 9 फरवरी को मौनी अमावस्या का पर्व है। ऐसे में कानपुर के गंगा घाटों में हजारो श्रृद्धालाओं की भीड उमडेगी। गंगा स्नाना के लिए प्रशासन द्वारा सभी घाटों पर तैयारिया तेजी के साथ पूरी की जा रही है। घाटांे पर मेले जैसा माहौल होगा। आस्था के इस पर्व में घाटों पर आये भक्त पहले गंगा में स्नान करके, उसके उपरान्त दान-पुण्य और पूजा अर्चना की जायेगी। ज्योतिषाचार्य के अनुसार 9 फरवरी की सुबह 8बजकर 2 मिन से मौनी अमावस्या का समय शुरू होगा जो 10 फरवरी की सुबह 4 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। बताया जाता है कि प्रथम दिन चूंकि सुबह से मुुर्हूत है, इसलिए इस दिन का स्नान श्रेष्ठ होगा। इस दिन लोग मौन रखते हुए संयम से साधना करते है। शास्त्रों में भी मौनी अमावस्या पर मौन रखने का विधान बताया गया है। इस दिन स्नान के बाद दान आदि करने के बाद भगवान का पूजन और व्रत रखने के विधान है। साथ ही इस दिन सर्व सिद्धि योग भी है जो सुबह 7 बजकर 5 मिनट से लेकर रात को 11 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। आचार्य रमेश तिवारी ने बताया कि जो बुजुर्ग या कोई भी पवित्र नदी नही जा सकता तो वह स्नान के जल में थोडा से गंगा जल मिलकार स्नान कर सकता है, इससे भी उसे पुण्य फलों की प्राप्ति होगी साथ ही पितरो को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्नान के दौरान सूर्य भगवान को भी जल अर्पित करे और यथा संभव दान दे।
हरिओम की रिपोर्ट