जागरूकता कार्यक्रमों में डीसीजी की होगी प्रभावी भूमिका
-फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला कोर कमेटी का हुआ शुभारम्भ

उन्नाव, 26 नवम्बर, 2025। एसीएमओ डॉ हरिनन्दन प्रसाद की अध्यक्षता में बुधवार को सीएमओ कार्यालय सभागार में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गठित जिला कोर कमेटी का शुभारम्भ किया गया है। इस दौरान अपर निदेशक मलेरिया व वीबीडी डॉ ऐके चौधरी ने कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़कर जिला कोर कमेटी के सदस्यों का मार्गदर्शन किया। इस उन्होंने कहा कि जिला कोर कमेटी के सदस्य फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रमों सहित अन्य गतिविधियों को प्रभावी ढंग से संचालित करने में बहुत ही कारगर होगा।
एसीएमओ डॉ हरिनन्दन प्रसाद ने कहा कि जिले के 6 ब्लाकों के 17 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर सीएचओ के नेतृत्व में एएनएम, ग्राम प्रधान, आशा, फाइलेरिया मरीज, आंगनबाडी, कोटेदार, एसएसजी के सहयोग से पीएसपी (पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म) का गठन किया गया है, जो फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सभी पीएसपी से दो-दो सक्रिय सदस्यों का चयन कर जिला कोर कमेटी (डीसीजी) का गठन किया गया है। जिला कोर कमेटी के सहयोग से हेल्थ प्रमोशन डे के माध्यम से सभी बीमारियों के प्रति क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने में बहुत ही सहायक होगा। एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजिज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ जे. आर. सिंह कहा कि समुदाय की भागीदारी से ही फैलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, उन्हीने जिला कोर ग्रुप मे सभी की भूमिका पर चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने फाइलेरिया बीमारी के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि फाइलेरिया एक लाईलाज बीमारी है, लेकिन लक्षण दिखते ही ईलाज शुरू करने व कुछ सावधानी अपना कर बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सकता है। इसके अलावा साल में एक बार लगातार पांच साल तक दवा के सेवन से इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया प्रभावित अंग को रोग प्रबंधन कर दिव्यांगता से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से फाइलेरिया मरीजो को रोग प्रबंधन पर पैरो की साफ-सफाई एवं उचित व्यायाम के जरीये इसके प्रबंधन की जानकारी दी जा सकती है।
कार्यक्रम में प्रधान, कोटेदार, समूह सखी, वॉलिंटियर और फाइलेरिया मरीज डीसीजी सदस्य की भूमिका में शामिल हुए।




