*29334 गणित/विज्ञान सहायक अध्यापकों की भर्ती में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन ना होने के कारण, पारित आदेश में आच्छादित अभ्यर्थियों का धैर्य का बाँध टूटा*

प्रयागराज संवाददाता :
29334 गणित/विज्ञान सहायक अध्यापकों की भर्ती में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन ना होने के कारण, पारित आदेश में आच्छादित अभ्यर्थियों का अखिरकार धैर्य का बाँध टूट ही गया. सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी पहुचे बेसिक शिक्षा निदेशालय (उत्तर प्रदेश) प्रयागराज.
29334 गणित/विज्ञान विषयक सहायक अध्यापक भर्ती में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में योजित विशेष अनुज्ञा याचिका (डायरी संख्या)-18516/2019 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 29 जनवरी 2025 को आदेश पारित किया था. बेसिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया था, कि इस भर्ती में माननीय न्यायालय में आच्छादित उन सभी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाए जिन्होंने 31 दिसंबर 2019 के पूर्व माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली / माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिकाएं की थी।शीर्ष अदालत ने पारित आदेश के पैरा 15 में स्पष्ट आदेश किया है, कि आदेश को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, लेकिन अधिमानतः तारीख से तीन महीने के भीतर और किसी मामले मे छः महीने में पूरा करने का आदेश दिया है । जबकि आदेश के अनुपालन हेतु, श्रीमान उपसचिव उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा शासनादेश अनुभाग – 5 (बेसिक शिक्षा) द्वारा 19 जुलाई 2025 को शासनादेश निर्गत किया गया, के पैरा 3(C) में 28 जुलाई 2025 को पूर्ण करने का स्पष्ठ आदेश दिया गया था, शासनादेश के उपरांत भी विभाग से कोई सार्वजनिक सर्कुलर/आदेश जारी नहीं किया गया. इसके बाद शासनादेश के सन्दर्भ में श्रीमान उपसचिव महोदय उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शक्त आदेश के साथ 27अगस्त 2025 को प्रथम रिमाइंडर व 26 सितंबर 2025 पुनः द्वितीय रिमाइंडर जारी किया गया .
हालांकि आज दिनाँक 09 अक्टूबर 2025 को ,आठ महीने बीतने के बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग( उ.प्र.) ने कोई सार्वजनिक सर्कुलर / आदेश जारी नहीं कियागया है।
अभ्यर्थियों ने बताया –
परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में 29,334 गणित/ विज्ञान सहायक अध्यापकों की भर्ती 11 जुलाई 2013 को शुरू हुई थी। अभ्यर्थियों के अनुसार जनवरी-फरवरी 2015 तक सात राउंड की काउंसिलिंग के बाद टीईटी में 82 अंक तक पाने वाले अभ्यर्थियों की आठवें राउंड की काउंसिलिंग कराई गई और जनवरी-फरवरी 2016 में नियुक्ति पत्र दिया गया। भर्ती में हजारो की संख्या में रिक्त पद होने के बावजूद भी विभाग की तरफ से अचानक 23 मार्च 2017 को नियुक्ति /भर्ती प्रक्रिया पर विराम का ताला जड दिया गया.। इसके खिलाफ नियुक्ति से बंचित अभ्यर्थियों ने याचिकाएं की तो माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने दो महीने में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया, लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना। सरकार ने माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में ही स्पेशल अपील और पुनर्विचार याचिकाएं दायर की लेकिन दोनों खारिज हो गईं। इस पर अभ्यर्थियों ने भर्ती न होने पर अवमानना याचिका दाखिल कर दी। इससे बचने के लिए सरकार ने मई 2019 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में स्पेशल अपील की थी। इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामा में 1755 से अधिक पद रिक्त होने की बात बताई गई है।




