ख़ाकी वालों की ज़िंदगी का भी क्या अज़ब फ़साना है*।
*तीर भी चलाना है और परिंदे को भी बचाना है*।
*टाइम्स एंड स्पेस*
*डिस्टिक हेड राहुल द्विवेदी*
*आज की बारिश किसी आफ़त से कम नहीं थी। तभी लखनऊ में एक व्यक्ति भीगने से बचने के लिए हनुमान सेतु के पास मेट्रो स्टेशन के नीचे खड़ा हो गया था और साथ ही बारिश के कुछ दृश्य कैमरे में कैद कर रहा था। तभी अचानक सायरन गूंजा और माइक पर अनाउंसमेंट हुआ*— “
*कृपया रास्ता खाली करें*, *मुख्यमंत्री की फ्लीट निकलने वाली है*।”
*मेट्रो पुल के नीचे सैकड़ों लोग बारिश से बचने के लिए पनाह लिए खड़े थे। पुलिस ने सबको हटाने की कोशिश की, कुछ लोग हट भी गए, मगर कई वहीं जमे रहे। बारिश का पानी और लोगों की भीड़ मिलकर रास्ते को और मुश्किल बना रहे थे। तभी एक पुलिसकर्मी उस तेज़ बारिश में आगे बढ़ा, मोर्चा संभाला और अपनी कोशिशों से रास्ता खाली कराया, अपनी सेवाओं को भीगते हुए कार्य को अंजाम देता दिखा*।
डिस्टिक हेड
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट




