*उन्नाव से हैरान कर देने वाला मामला, गांव की जनसंख्या 5200 जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बन गए 5893*
एंकर : रायबरेली जनपद में फर्जी तरीके से बनाए गए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला याद है आपको, जब कई हजार जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिए गए थे, ऐसा मामला अब उन्नाव से आया है, यहां दो गांव से लगभग 6000 जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिए गए, खास बात यह है कि जिस गांव में 5893 जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिए गए उसकी जनसंख्या ही केवल 5200 है। यह सभी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र केवल 6 महीने में बनाए गए, इसका खुलासा तब हुआ जब केंद्रीय जनगणना निदेशालय ने उन्नाव डीएम को पत्र लिखकर इस पर संदेह जाहिर किया, फिलहाल डीएम ने जांच बिठा दी है, लेकिन एक और एंगल सामने आया है, अधिकारियों ने बताया कि फर्जी वेबसाइट या फिर वेबसाइट हैक करके यह जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए हैं, और यहां केवल उन्नाव के ही जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनाए गए अन्य जनपदों और अन्य प्रदेश के लोगों के भी जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिए गए।
विओ: जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र को लेकर हसनगंज की ग्राम पंचायत निमादपुर में एक संवेदनशील मामला जानकारी में आया है। गांव की आबादी 5200 के सापेक्ष पिछले छह में ग्राम पंचायत के सीआरएस पोर्टल (नागरिक पंजीकरण प्रणाली) से जन्म मृत्यु के कुल मिलाकर 5893 प्रमाणपत्र जारी हो गए। आबादी से ज्यादा जारी हुए प्रमाणपत्र संदेह के घेरे में आ गए। इसके अलावा नवाबगंज की ग्राम पंचायत मकूर में भी जारी किए गए 320 प्रमाणपत्रों के फर्जी होने की आशंका पर केंद्र सरकार के जनगणना कार्य निदेशालय ने जिला प्रशासन को पत्र भेजा। पत्र के माध्यम से दोनों ग्राम पंचायतों से जारी किए गए 6213 जन्म मृत्यु प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश दिए तो डीपीआरओ ने सचिवों को नोटिस जारी की। इसी साल एक जनवरी से 15 जुलाई 2025 के बीच सीआरएस पोर्टल से हसनगंज की निमादपुर ग्राम पंचायत की पंजीकरण इकाई आईडी 17609 से 5893 और नवाबगंज विकासखंड की मकूर ग्रामसभा की आईडी 17578 से 320 जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हुए। पिछले छह महीने में इन दोनों ग्राम सभाओं से इतनी ज्यादा संख्या में प्रमाणपत्र जारी होने से, निगरानी करने वाले केंद्र सरकार के जनगणना कार्य निदेशालय ने संदिग्ध व फर्जी मानते हुए प्रदेश के विभागीय अधिकारियों को पत्र जारी किया। इसके बाद प्रदेश के संयुक्त निदेशक एवं सहायक महारजिस्ट्रार एके राय ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर जांच कराने को कहा। डीएम गौरांग राठी के आदेश पर डीपीआरओ आलोक सिन्हा ने दोनों ग्राम पंचायतों में तैनात पंचायत सचिवों को नोटिस जारी करके इतनी ज्यादा संख्या में प्रमाणपत्र जारी होने को लेकर जवाब मांगा है। यह भी निर्देश भी दिए हैं कि यदि आईडी हैक करके प्रमाणपत्र जारी होने की पुष्टि हो तो रिपोर्ट दर्ज कराएं। इसके अलावा तकनीकी जानकारी के लिए एक पत्र सीएमओ कार्यालय को भी भेजा है।
बाइट : आलोक सिन्हा डीपीआरओ उन्नाव।
*अस्तित्व कुशवाहा*
उन्नाव संवाददाता




